Guruvayur Temple: केरल के इस मंदिर में गर्भवती महिलाओं को नहीं मिलते बालगोपालन के दर्शन

Guruvayur Temple: जिन शिशुओं को चावल नहीं खिलाया गया है, और जो महिलाएं सात महीने से अधिक गर्भवती हैं, उन्हें मुख्य मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है।

Guruvayur Temple: भगवान विष्णु के अवतार राम अयोध्या मंदिर में बालक राम के रूप में विराजमान हुए हैं। ऐसे ही एक मंदिर केरल में है, जहां भगवान विष्णु के कृष्ण अवतार बालक रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर की स्थापना गुरु बृहस्पति ने की थी। इस मंदिर में खास वर्ग को ही आने की अनुमति है। इसे अमीरों का भी मंदिर बताया जाता है। मंदिर का नाम गुरुवायुर मंदिर है। इस मंदिर को दक्षिण की द्वारका भी कहा जाता है। आईए जानते हैं कि गुरुवायुर मंदिर में कौन प्रवेश नहीं ले सकता…

गुरुवायुर मंदिर में बालरूप में हैं कृष्ण 

केरल में स्थित गुरुवायुर मंदिर त्रिशूर जिले से करीब 25 किलोमीटर दूर गांव गुरुवायुर में बसा है। गुरुवायूर केरल के साथ ही देश का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। गुरुवायुर मंदिर करीब 5 हजार साल पुराना है। इस मंदिर में भगवान कृष्ण की प्रतिमा बालगोपालन रूप में विराजमान है। यानि भगवान कृष्ण यहां बालरूप में हैं। यह भगवान गुरुवायुरप्पन के विश्व विख्यात मंदिर है।

कैसे पड़ा मंदिर का नाम गुरुवायुर

माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना देवगुरु बृहस्पति ने की थी। मलयालम शब्द गुरुवायुर का अर्थ होता है जिस जमीन पर गुरुदेव ने वायु की मदद से स्थापना की। एक पौराणिक कथा के अनुसार कलयुग के प्रारंभिक काल में वायुदेव और देवगुरु बृहस्पति को कृष्णजी की एक मूर्ति मिली जोकि द्वापर युग की थी। दोनों ने एक मंदिर बनवाकर मूर्ति की स्थापना की। वायु देव और देव गुरु के नाम पर ही भगवान को गुरुवायुरप्पन कहा गया जबकि स्थान का नाम गुरुवायुर पड़ गया।

केवल हिंदू ही कर सकते हैं दर्शन

गुरुवायुर मंदिर की एक विशेषता यह भी है यहां खास समुदाय के लोग ही जा सकते हैं। इस मंदिर में हिंदुओं के अलावा दूसरे धर्मों के लोग प्रवेश नहीं कर सकते हैं। मंदिर के मुख्य द्वार पर सख्त पाबंदी रहती है, बिना अनुमति कोई प्रवेश नहीं ले सकता है।

गर्भवती महिलाओं का प्रवेश वर्जित

मंदिर में सख्त ड्रेस कोड का पालन किया जाता है। पुरुष केवल धोती पहन सकते हैं, शर्ट पहनने की अनुमति नहीं है। महिलाएं साड़ी या चूड़ीदार या सलवार कमीज या स्कर्ट और टॉप पहन सकती हैं। जिन शिशुओं को चावल (मलयालम में चोरोनू) नहीं खिलाया गया है, और जो महिलाएं सात महीने से अधिक गर्भवती हैं, उन्हें मुख्य मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है।

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पीएम मोदी के गार्ड ने भी पहनी थी धोती

बीते सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को केरल के गुरुवायुर मंदिर में पूजा अर्चना की थी। इससे मंदिर एक बार फिर चर्चा में आ गया था। क्योंकि मंदिर में प्रवेश लेने के लिए पीएम मोदी ने धोती पहनी थी और उनके गार्ड को भी धोती पहनकर ही प्रवेश मिला था। पीएम मोदी इससे पहले भी गुरुवायुर मंदिर जा चुके हैं। पीएम मोदी ने अपने वजन के कमल के फूल बालगोपालन को समर्पित किए थे।

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