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Hanuman Puja Upay: हनुमान बाहुक पाठ से दूर होगी हर समस्या, सामने रख कर पीना है पानी

Hanuman Puja Upay: हनुमान जी की तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाकर, लाल फूल चढ़ाकर तांबे के कलश में पानी भरकर जरूर रखें। इसके बाद इस पाठ को करें।

Hanuman Puja Upay: हिंदू धर्म में भगवान हनुमान के भक्त हर कहीं देखने को मिल जाते हैं। हनुमान जी भगवान शिव का रुद्र अवतार माने जाते हैं। इन्हें केसरीनंदन भी कहा जाता है। हनुमान जी की पूजा कई रोगों से राहत देती है। आमतौर पर हनुमान जी के पाठों में हनुमान चालीसा और बजरंग बाण अधिक किए जाते हैं। मगर हनुमान जी का एक चमत्कारी पाठ हनुमान बाहुक भी है। हनुमान बाहुक पाठ इतना प्रभावशाली है कि आपका हर काम को पूरा कर देता है। कहा जाता है कि हनुमान बाहुक का पाठ करने से व्यक्ति के रुके हुए काम भी बन जाते हैं, चाहे वो नौकरी से जुड़े हों, धन से या कोई भी कार्य हो। हनुमान जी का पाठ आपके आसपास एक सुरक्षा कवच बना देता है, जिसके कारण भूत और प्रेत जैसी चीजें व्यक्ति को छू भी नहीं पातीं। आईए जानते हैं कि हनुमान बाहुक पाठ कब और कैसे किया जाता है…


कैसे करें हनुमान बाहुक पाठ

हनुमान बाहुक का पाठ कहीं भी और कभी भी किया जा सकता है। लेकिन आप इसे किसी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए कर रहे हैं तो हनुमान जी की तस्वीर के सामने घी का दीपक जलाकर, लाल फूल चढ़ाकर तांबे के कलश में पानी भरकर जरूर रखें। इसके बाद इस पाठ को करें। ऐसा करने से कलश में रखा जल चमत्कारी जल बन जाता है, जिसे पीने से आपकी हर समस्या दूर हो जाती है। इस पाठ को आप मंगलवार और शनिवार को कर सकते हैं। इसे एक या संख्या में भी किया जा सकता है। जैसे मंगलवार या शनिवार से शुरू कर इस पाठ को 11 या 21 दिनों तक करें। प्रतिदिन उस जल को पीकर दूसरे दिन दूसरा जल रखें।

हनुमान बाहुक पाठ के लाभ

हनुमान जी को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए हनुमान बाहुक स्तोत्र का पाठ किया जाता है। मान्यता है कि इसका पाठ करने से व्यक्ति के सभी संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं।

  • हनुमान बाहुक पाठ से आपके घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है।
  • इस पाठ से रुके हुए कार्य सुचारू रूप से होने लगते हैं। सभी बाधाएं हट जाती हैं।
  • हनुमान बाहुक पाठ से बड़े से बड़े रोग भी ठीक हो जाते हैं।
  • अगर आपको मां का क्लेश है और बार-बार मन अशांत रहता है तो हनुमान बाहुक पाठ से आपके मन को शांति मिलेगी।
  • आपकी घुटनों में हमेशा दर्द बना रहता है शरीर में किसी प्रकार का भी दर्द हो हनुमान बाहुक पाठ से ठीक हो जाता है।
  • हनुमान बाहुक पाठ करने से आपकी वह मनोकामना भी पूरी हो जाती है जो लंबे समय से अधूरी रही हो।

तुलसीदास जी ने लिखा था हनुमान बाहुक

हनुमान बाहुक की रचना तुलसीदास ने की थी। यह उनकी आखिरी रचना थी जब वह दर्द से पीड़ित थे। इस रचना में उन्होंने दर्द का जिक्र किया है। तुलसीदास के पूरे शरीर में, विशेषकर उनकी भुजाओं में तीव्र दर्द हो रहा था। इसके बाद उन्होंने हनुमान बाहुक की रचना की, जहां उन्होंने कई छंदों में अपने शारीरिक दर्द और पीड़ा का वर्णन किया है। इस रचना के बाद उन्हें अपने दर्द से राहत मिली। तभी से हनुमान बाहुक पाठ को रोग निवारक के लिए किया जाता रहा है।

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