Home ट्रेंडिंग Hariyali Teej 2023: मनचाहा वर पाने के लिए कुंवारी लड़कियां इस विधि...

Hariyali Teej 2023: मनचाहा वर पाने के लिए कुंवारी लड़कियां इस विधि से करें हरियाली तीज का व्रत

Hariyali Teej 2023: प्रत्येक वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल यह तिथि 19 अगस्त 2023 को है‌। हरियाली तीज के दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं‌‌। जबकि कुंवारी लड़कियां यह व्रत एक अच्छे वर की प्राप्ति हेतु करती हैं। सर्वप्रथम हरियाली तीज का व्रत भी एक कुंवारी कन्या द्वारा ही रखा गया था। तो आइए जानते हैं कैसे होती है हरियाली तीज और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए कुंवारी लड़कियां कैसे रखें यह व्रत।

 

यह भी पढ़े: https://vidhannews.in/astrology/who-are-the-saptarishi-who-have-been-protecting-dharma-since-ages-story-02-08-2023-59635.html

Hariyali Teej 2023
Hariyali Teej 2023

कैसे मनाई जाती है हरियाली तीज त्यौहार
हरियाली तीज व्रत को सर्वप्रथम सर्वप्रथम राजा हिमालय की पुत्री देवी पार्वती ने शिव को अपने वर के रूप में पाने के लिए रखा था। हरियाली तीज के दिन महिलाएं दिन भर निर्जला उपवास रखती हैं और शाम के वक्त विधि-विधान से माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती है। इस दिन पूजा के वक्त हरियाली तीज से जुड़ी कथा सुनने का भी प्रावधान है। पूजा समाप्त होने के बाद घर पर महिलाएं लोकगीत‌ के गायन के साथ उत्सव भी मनाती हैं।

 

यह भी पढ़े: https://vidhannews.in/astrology/do-these-things-happen-to-you-as-soon-as-you-wake-up-in-the-morning-know-the-auspicious-results-of-these-good-luck-sign-02-08-2023-59627.html

Hariyali Teej 2023

कुंवारी लड़कियों के लिए हरियाली तीज व्रत की विधि
• कुंवारी लड़कियों को हरियाली तीज के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहन लेने चाहिए।

• इस दिन हरे रंग का वस्त्र ही धारण करें।

• स्नान करने के बाद माता पार्वती और भगवान शिव का नाम लेकर निर्जला व्रत का संकल्प लें।

• पूरे दिन श्रद्धा भाव से व्रत रखें तथा शाम के समय शिव-पार्वती की पूजा करें। पूजा में माता पार्वती को सिंदूर संग अन्य सुहाग की सामग्री अर्पित करें।

• इस दिन शिवजी के मंत्रों का जाप तथा शिव पुराण का पाठ करना अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

• पूजा के दौरान भगवान को भोग के रूप में खीर अर्पित करें और शिव परिवार का पंचामृत से स्नान और पूजन करें।

• अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान करके और भगवान की पूजा अर्चना करने के बाद अपने व्रत का पारण कर सकती हैं।

 

डिस्क्लेमर: इस ख़बर में निहित किसी भी जानकारी, सूचना अथवा गणना के विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न माध्यमों, ज्योतिष, पंचांग, मान्यताओं के आधार पर संग्रहित कर तैयार की गई है।

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

 

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबर।

Exit mobile version