Nag Panchami : पंचांग के अनुसार नाग पंचमी प्रत्येक वर्ष श्रावण मास के कृष्ण एवं शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करके उनका दूध से अभिषेक करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से नाग देवता वृद्धि के जीवन में सुख-समृद्धि और खेतों में फसलों की रक्षा भी करते हैं। नाग पंचमी के दिन पूरे विधि-विधान से नाग देवता की पूजा करने और कुछ उपाय से व्यक्ति को कालसर्प दोष से भी मुक्ति मिल सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं क्या है कालसर्प दोष और इससे मुक्ति के कुछ उपाय के बारे में…
क्या है कालसर्प दोष (Nag Panchami)
जब किसी जातक की कुंडली में राहु और केतु अशुभ स्थिति में बैठे हो तो व्यक्ति को काल सर्प दोष ( kalsrp dosh) लग जाता है। यह तब होता है जब राहु और केतु आमने सामने आ जाते हैं और बाकी साथ ग्रह इनके दूसरी तरफ हो जाते हैं। कुंडली में काल सर्प दोष होने के कारण जातकों पर अन्य ग्रहों के शुभ प्रभाव भी कम हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को विभिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
दोष से मुक्ति के उपाय
नाग पंचमी पर कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए इस दिन शिवजी को पीतल या फिर तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। पूजा के दौरान भगवान शिव को बेलपत्र अवश्य चढ़ाएं और नाग देवता की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। पूजा के दौरान नाग देवता को दूध, मिठाई, फल आदि अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान शिव और नाग देवता प्रसन्न होते हैं और कालसर्प दोष से मुक्ति प्रदान करते हैं।
Also Read:Dharm Visesh: पवित्रता जांचने के लिए नहीं बल्कि इस वजह से ली थी श्री राम ने सीता की अग्नि परीक्षा
इस स्तोत्र का करें पाठ
नाग पंचमी के दिन भगवान शिव और नाग देवता की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इस दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से विशेष लाभ मिलता है। साथ ही बरगद के पेड़ के नीचे दूध रखना चाहिए, जिसे अगर नाग देवता ग्रहण कर ले तो इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News , Twitter, Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा–तरीन खबर।