Stambheshwar Mahadev Temple: शास्त्रों में शिवलिंग पर जल चढ़ाने के अनेकों महत्त्व वर्णित है। सावन का महीना चल रहा है और इस महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। वैसे तो देश में कई मंदिर हैं जिनमें हो रही घटनाओं का तर्क विज्ञान के पास भी नहीं है। ऐसे में आज हम आपको ऐसे ही एक मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां समुद्र देव खुद करते हैं भगवान शिव का जलाभिषेक। तो आइए जानते हैं इस मंदिर के रोचक इतिहास के बारे में…

गुजरात में स्थित है ये अद्भुत मंदिर
लगभग 150 साल पुराना श्री स्तंभेश्वर महादेव मंदिर गुजरात में स्थित है। स्तंभेश्वर महादेव मंदिर अरब सागर और खंभात की खाड़ी से घिरा हुआ है। समुद्र में ज्वार उठने के कारण ये मंदिर दिन में दो बार यानी सुबह और शाम के वक्त पूरी तरह से समुद्र में डूब जाता है। समुद्र का जल स्तर नीचे आने पर ये मंदिर फिर से दिखाई देने लगता है। भगवान शिव के प्रति लोगों की आस्था के चलते हैं लोग इसे समुद्र देव द्वारा शिवलिंग का अभिषेक मानते हैं।

ये है मंदिर से जुड़ी पौराणिक कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर में मौजूद शिवलिंग को स्वयं भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने स्थापित किया था। शिवलिंग को स्थापित करने के पीछे का कारण राक्षस तारकासुर का वध बताया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान कार्तिकेय द्वारा तारकासुर वध के पश्चात उन्हें ये अपराध बोध होने लगा, क्योंकि तारकासुर भगवान शिव का भक्त था। बाद में विष्णु भगवान ने कार्तिकेय को शिवलिंग स्थापित करके क्षमा प्रार्थना करने की सलाह दी। तभी भगवान कार्तिकेय ने धरती पर इसी जगह शिवलिंग की स्थापना की थी।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें