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Janmashtami 2023: इंदौर के 230 साल पुराने मंदिर में मां यशोदा की गोद में बैठे हैं नंदगोपाल

Krishna Janmashtami 2023: देशभर से नि:संतान दंपत्ति पूजा करने आते हैं, महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए गुरुवार को मां यशोदा की....

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Krishna Janmashtami 2023: देशभर से नि:संतान दंपत्ति पूजा करने आते हैं, महिलाएं संतान प्राप्ति के लिए गुरुवार को मां यशोदा की पूजा करती हैं और चावल, नारियल आदि से अपना घेरा भरती हैं।

Krishna Janmashtami 2023: आपने भगवान श्रीराम, हनुमानजी, विष्णु, शिव और श्रीकृष्ण के कई मंदिर देखे होंगे जहां लोग अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए जाते हैं। लेकिन शायद ही कहीं आपको इन देवताओं की देखभाल और पालन-पोषण करने वाली माताओं के मंदिर देखने को मिलेंगे। भगवान कृष्ण को पालने वाली मां यशोदा का मंदिर इंदौर में जरूर बना हुआ है। इस मंदिर में माता यशोदा अपनी गोद में नंदला को लेकर विराजमान हैं। देशभर से नि:संतान दंपत्ति यहां संतान की आशा में आते हैं।

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228 साल पुराना यशोदा माता मंदिर इंदौर के राजवाड़ा जिले में स्थित है। यह मंदिर कृष्ण भक्तों के लिए एक विशेष धार्मिक केंद्र है। मां यशोदा की गोद में बैठे कान्हा के दर्शन के लिए नि:संतान दंपत्तियों की कतार लगी रहती है। देशभर से लोग यहां संतान प्राप्ति की कामना से कान्हा को गोद में लिए मां यशोदा की मूर्ति की पूजा करने आते हैं। गुरुवार के दिन महिलाएं मां यशोदा की पूजा करती हैं और उनकी गोद चावल, नारियल और अन्य सामग्री से भरती हैं।

प्रतिदिन होता है श्रृंगार

मंदिर में कान्हा को गोद में लिए मां यशोदा की बेहद खूबसूरत मूर्ति है। कृष्ण का बाल रूप मां यशोदा की गोद में बैठा है। जिन्हें प्रतिदिन सजाया जाता है। इनके अलावा मंदिर में नंदबाबा और राधा-कृष्ण की भी मूर्तियां हैं।

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जयपुर से बैलगाड़ी में आई थी मूर्ति, इंदौर पहुंचने में लगे 40 दिन

मंदिर के पुजारी महेंद्र दीक्षित बताते हैं कि उस मंदिर की मूर्ति जयपुर से बैलगाड़ी में लाई गई थी. डिलीवरी में 40 दिन लगे. जन्माष्टमी के लिए मंदिर को खूबसूरती से सजाया गया है। -जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है। हजारों की संख्या में भक्त भगवान के दर्शन के लिए आते हैं।

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