
Kaal Bhairav Puja Vidhi: हिंदू धर्म में काल भैरव को समय के देवता और संकटमोचक के रूप में जाना जाता है। माना जाता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से काल भैरव की आराधना करता है, उसके जीवन से भय, संकट और नकारात्मकता दूर हो जाती है। हर महीने भैरव अष्टमी या रविवार/मंगलवार के दिन इनकी पूजा का विशेष महत्व होता है।
12 नवंबर को मनाया जाएगा काल भैरव अष्टमी (Kaal Bhairav Puja Vidhi)
कल 12 नवंबर को काल भैरव अष्टमी मनाया जाएगा।काल भैरव की पूजा करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है और जीवन में खुशहाली आती है। अगर आपके जीवन में लंबे समय से कोई समस्या चल रही है तो काल भैरव अष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा जरूर करें। ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है।
शास्त्रों के अनुसार, काल भैरव भगवान को प्रसन्न करने के लिए कुछ विशेष वस्तुओं का भोग लगाने से शुभ फल मिलते हैं। आइए जानते हैं कौन-सी चीज़ें उन्हें सबसे प्रिय हैं —
1. सरसों का तेल:
काल भैरव भगवान को सरसों के तेल का दीपक जलाना और उसी तेल से बना भोग अर्पित करना अत्यंत शुभ माना गया है। इससे नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं।
2. उड़द दाल या पूरी:
उड़द की दाल से बनी पूरी या पकवान का भोग लगाने से धन संबंधी रुकावटें समाप्त होती हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
3. मदिरा या पंचमेवा:
कुछ परंपराओं में काल भैरव को मदिरा (शराब) अर्पित करने की प्रथा है, जो भैरव की “अघोरी उपासना” से जुड़ी है। जबकि घरों में पंचमेवा (सूखे मेवे) का भोग भी शुभ माना गया है।
4. खीर या मालपुआ:
मीठा भोग जैसे खीर, मालपुआ या गुड़ का प्रसाद लगाने से घर में सुख-शांति और समृद्धि बढ़ती है।
5. कुत्ते को भोजन कराना:
काल भैरव के वाहन काला कुत्ता है। इसलिए भैरव पूजा के दिन कुत्ते को रोटी और दूध खिलाने से पाप कटते हैं और संकट दूर होते हैं।
माना जाता है कि इन वस्तुओं से काल भैरव भगवान प्रसन्न होकर अपने भक्तों की सभी बाधाओं को दूर कर देते हैं और उन्हें भय, रोग तथा शत्रुओं से रक्षा प्रदान करते हैं।
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