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Mahamrityunjay Mandir : बेहद चमत्कारी है एक लाख छिद्रों वाला यह दुर्लभ शिवलिंग, दर्शन मात्र से टल जाती है अकाल मृत्यु

Mahamrityunjay Mandir : महामृत्युंजय मंदिर बेहद चमत्कारी मंदिर है। मध्य प्रदेश में स्थित इस मंदिर में हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन करने आते हैं। यहां दर्शन करने से अकाल मृत्यु टल जाती है।

Mahamrityunjay Mandir
Mahamrityunjay Mandir

Mahamrityunjay Mandir  :  मध्य प्रदेश एक धार्मिक नगरी है। यहां के उज्जैन में भगवान भोलेनाथ महाकाल के रूप में विराजित है। मगर इसी के साथ ही मध्य प्रदेश में एक और प्राचीन शिव मंदिर है जिसकी मान्यता बरसों से चली आ रही है। कहां जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने से ही व्यक्ति की आयु लंबी हो जाती है। यह दुनिया का इकलौता शिव मंदिर है जिसमें 1001 छिद्र बने हुए हैं। इस शिवालय को महामृत्युंजय मंदिर कहा जाता है। आईए आचार्य आशीष राघव द्विवेदी जी से जानते हैं महामृत्युंजय मंदिर का इतिहास और इसकी मान्यताओं के बारे में…

रीवा में है 1001 छिद्र वाला शिवलिंग ( Mahamrityunjay Mandir  )

मध्यप्रदेश के रीवा में आपको कई ऐसे मंदिर मिलेंगे जहां आप पूजा अर्चना या भगवान के दर्शन कर अपने दिन की शुरुआत कर सकते है। उनमें से एक मंदिर रीवा किला स्थित महामृत्युंजय का मंदिर है। इस ऐतिहासिक मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि यहां 1001 छिद्र वाला दुनिया का इकलौता शिवलिंग है। इस मंदिर का निर्माण सोलहवीं शताब्दी में यहां के बघेल राजाओं के द्वारा करवाया गया था।

महामृत्युंजय मंदिर की मान्यता

मान्यता है कि यहां शिव जी की आराधना करने से लंबी आयु होती है। व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी संकट दूर होते हैं। इस शिवालय का महत्व द्वादश ज्योतिर्लिंगों के समतुल्य माना जाता है। शिव के अनेक रूप हैं। उन्हीं रूपों में से एक महामृत्युंजय भी है। इस रूप की पूजा और मंत्र के जाप से आने वाली हर विपत्ति टल जाती है। भगवान भोलेनाथ का यह रूप रीवा रियासत के किले में विराजमान है।

रोचक है मंदिर का इतिहास

इस मंदिर की एक रोचक कहानी है जिससे पता चलता है कि कैसे भगवान भोलेनाथ के महामृत्युंजय स्वरूप जीव मात्र की अकाल मृत्यु से रक्षा करते हैं। रीवा रियासत के राजा एवं पूर्व मंत्री पुष्पराज सिंह बताते है कि बघेल राजवंश के 21वें महाराजा विक्रमादित्य देव (वि.सं.1654-1681) ने इस इलाके मेंं शिकार के दौरान भागते हुए एक चीतल के पीछे बाघ को देखा था।

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राजा यह देखकर हैरत में पड़ गए थे कि जब बाघ मंदिर वाले स्थान के पास पहुंचता था तो वो चीतल का शिकार नहीं कर पाता था। चीतल के पास पहुंच कर भी बाघ उसका शिकार किए बगैर लौट जाता था। उस जगह पर जाने से चीतल के प्राण बच जाते थे। ऐसा एक नहीं, कई बार हुआ। राजा को यह देख कर बहुत आश्चर्य हुआ। उन्होंने उस स्थान पर खुदाई करवाई जिसमें गर्भ में महामृत्युंजय भगवान का सफेद शिवलिंग निकला।

देश में इकलौता शिव मंदिर

इस सफेद शिवलिंग की चर्चा शिवपुराण में महामृत्युंजय के रूप में की गई है। इसलिए यहां भव्य मंदिर का निर्माण करा शिवलिंग को स्थापित कर दिया गया। कहां जाता है भारत मैया इकलौता शिव मंदिर है, जहां जहां दर्शन करने से व्यक्ति मृत्यु के भय से मुक्त हो जाता है।

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