
Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति का त्योहार इस साल 14 जनवरी को भारत में मनाया जाएगा। यह त्योहार बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन मकर संक्रांति के साथ पंतग पर्व भी कहा जाता है और इस दिन पंतग उड़ाने की भी परम्परा है, तो चलिए जानते हैं क्या है इसके पीछे राज और क्यों मकर संक्रांति को पंतग पर्व कहा जाता है।
मकर संक्रांति को इसलिए कहा जाता है पतंग पर्व
मकर संक्रांति के दिन कई राज्यों में पतंग उड़ाई जाती है और इस दिन पतंगबाजी की कई जगह प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें पंतगों के शौकीन बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और इनामी राशि भी जीतते है तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर क्यों पतंग उड़ाने की प्रथा का शुरुआत हुई है…
मकर संक्रांति के दिन यहां उड़ाई जाती है पतंग
मकर संक्रांति के दिन भारत के कई राज्यों में पतंग उड़ाई जाती है। सबसे ज्यादा पंतग गुजरात और राजस्थान में उड़ाई जाती है और गुजरात में पतंगबाजी करना और मकर संक्राति के त्योहार को उत्तरायण कहा जाता है। वहीं राजस्थान में पतंगबाजी ज्यादा नहीं की जाती हैं।
मकर संक्रांति पर क्यों उड़ाई जाती है पतंग?
भारत के कई राज्यों में मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाई जाती है। मकर संक्रांति का यह दिन पतंग पर् के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक सबसे पहले पतंग उड़ाने की परंपरा प्रभु श्रीराम ने शुरू की थी और जब भगवान राम ने पतंग उड़ाई तो मकर संक्रांति के दिन वह इंद्रलोक में जा पहुंची थी और उस समय से ही मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की परंपरा शुरू हो गई है।
बता दें कि पतंग को खुशी और आजादी का भी संकेत भी माना जाता है। और वैज्ञानिक कारणों की वजह से इस दिन पड़ने वाली सूर्य की किरणों को अमृत की तरह माना गया है, इससे कई बीमारियों भी खत्म होती है और यही कारण है कि इस दिन पंतग को उड़ाया जाता है।
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