
Navratri 2025: 22 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। सनातन धर्म में नवरात्रि के त्यौहार का विशेष महत्व है। इस बार 2 अक्टूबर तक नवरात्रि का त्यौहार मनाया जाएगा। नवरात्रि में 9 दिनों तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है। नवरात्रि का त्योहार मुख्य रूप से मां दुर्गा को समर्पित है लेकिन देश में कुछ ऐसी जगह भी है जहां मां दुर्गा की जगह 9 दिनों तक रावण की पूजा की जाती है और यहां के लोग रावण को भगवान का दर्जा देते हैं। यहां के लोग रावण को जलाना और शुभ मानते हैं और वह मानते हैं कि रावण भगवान शिव का भक्त था इसलिए रावण उनका भी कुल देवता हुआ
भारत में कुछ स्थान हैं जहां रावण की पूजा की जाती है, जो आम धारणा से अलग है। इन स्थानों पर रावण को देवता के रूप में पूजा जाता है और उनकी प्रतिमा की स्थापना कर विधि-विधान से पूजा की जाती है।
रावण पूजा के प्रमुख स्थान
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के जमुनिया गांव: यहां आदिवासी समुदाय के लोग रावण की पूजा करते हैं और उनकी प्रतिमा की स्थापना कर नौ दिनों तक पूजा करते हैं। उनका मानना है कि रावण भगवान शिव के भक्त थे और उनके पूर्वज के तौर पर उनकी पूजा करते हैं।
मध्य प्रदेश के मंदसौर: यहां रावण की विशाल प्रतिमा स्थापित है और महिलाएं घूंघट डालकर उनकी पूजा करती हैं। मंदसौर को रावण का ससुराल माना जाता है, इसलिए यहां रावण को दामाद के रूप में पूजा जाता है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा: यहां रावण को देवता के रूप में पूजा जाता है और उनकी रोजाना पूजा की जाती है। मान्यता है कि रावण ने कांगड़ा में भगवान शिव की तपस्या की थी।
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली: यहां की गोंड जनजाति रावण और उनके पुत्रों की देवताओं की तरह पूजा करती है। उनका मानना है कि रावण एक अच्छा इंसान था और उसकी पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं।
इन स्थानों पर रावण की पूजा करने के पीछे अलग-अलग मान्यताएं और कारण हैं। यह दर्शाता है कि भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता कितनी अधिक है।
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