
8th Pay Commission: सरकारी नौकरी करने वालों के लिए एक बड़ी खबर है। 8वें वेतन आयोग को लेकर चर्चा है कि इस बार भी सैलरी तय करने का फॉर्मूला नया नहीं होगा, बल्कि 7वें वेतन आयोग में इस्तेमाल हुआ पे मेट्रिक्स ही 8वें में भी बेस बनेगा। इसमें नया फिटमेंट फैक्टर और लेवल मर्जिंग जैसे अपडेट जुड़ जाएंगे।
पे मेट्रिक्स का महत्व (8th Pay Commission)
7वें वेतन आयोग का पे मेट्रिक्स बहुत ही आसान और समझने योग्य बनाया गया था, जिसने पुराने पे-बैंड और ग्रेड-पे की सारी उलझनें खत्म कर दी थीं। इसमें 18 लेवल थे, जिन्होंने हर कर्मचारी को साफ पता दे दिया था कि उसकी बेसिक सैलरी कहां से कहां जा सकती है।
लेवल मर्जिंग और इसके फायदे
इस बार कुछ पे लेवल्स को मर्ज करने की संभावना है, जैसे:
– लेवल 1+2 = नया A
– लेवल 3+4 = नया B
– लेवल 5+6 = नया C
इससे निचले लेवल वालों की सैलरी तुरंत ऊपर जाएगी और प्रमोशन भी जल्दी-जल्दी मिल सकेंगे।
HRA और TA पर असर
सैलरी बढ़ेगी तो HRA और TA अपने आप नए बेसिक पर रीकैलकुलेट होंगे। शहरों की श्रेणियों के हिसाब से HRA का स्लैब बदलेगा और TA की एंट्री भी ज्यादा हो सकती है।
बीमा कवर पर विचार
सरकारी ड्यूटी के दौरान मृत्यु पर जो बीमा कवर मिलता है, उसे बढ़ाने पर भी विचार चल रहा है ताकि परिवार को सही सुरक्षा मिल सके।
कब से मिलेगा फायदा?
अभी तक 8वें वेतन आयोग का औपचारिक गठन नहीं हुआ है, लेकिन अनुमान है कि 2026 से इसे लागू किया जाएगा। अगर सरकार 2025 के आखिर तक नोटिफिकेशन जारी कर देती है तो कर्मचारियों को 1 जनवरी 2026 से नई सैलरी और एरियर दोनों मिल सकते हैं।
इस तरह, 8वें वेतन आयोग में 7वें वेतन आयोग वाला पे मेट्रिक्स लागू करने से सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी हो सकती है और उन्हें कई अन्य लाभ भी मिल सकते हैं।
तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News, Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा–तरीन खबर।