
Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के बहुत बड़े संत है। भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया से लोग महाराज जी से मिलने आते हैं और महाराज जी लोगों को भक्ति मार्ग पर चलने की सलाह देते हैं। महाराज जी ने बताया कि कई बार दुखों में हम भगवान को भूल जाते हैं और अपने दुखों के लिए भगवान को कोसते हैं। हालांकि इस समय भगवान का पूजा पाठ करने से सभी दुख दूर हो जाते हैं और भगवान का अगर सच्चे मन से भक्ति किया जाए तो भगवान अपने श्रद्धालुओं को कभी निराश नहीं करते।
प्रेमानंद जी महाराज का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति रोग और शोक से मुक्त होना चाहता है, तो उसके लिए एक ही उपाय है. उसे प्रतिदिन सुबह कम से कम 10 मिनट का समय निकालना होगा. “कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः” का जाप करें और गोविंद को प्रणाम करें. इसके साथ ही “कृष्ण, कृष्ण गोविंद, राधा राधा” का जप करें. इससे निश्चित रूप से जन्म-जन्म के अशुभ प्रभाव समाप्त हो जाएंगे.
शरीर की बीमारियां समाप्त हो जाएंगी, और आप संव्य में आनंदित हो जाएंगे, ऐसा अद्भुत सुख प्राप्त होगा जिससे आप कृत्य में लिप्त हो जाएंगे. लेकिन, जब आप इस मार्ग पर कदम रखेंगे, तो आपको असत्य वृत्तियों का परित्याग करना होगा. प्रेमानंदजी आगे बताते हैं कि यहीं पर लोग विफल हो जाते हैं. वे ऐसे शॉर्टकट की तलाश करते हैं कि कुछ पापपूर्ण आचरण से अर्जित धन को हम आपको दे दें, ताकि आप हमें संभाल लें. प्रेमानंदजी का कहना है कि इस प्रकार के अपवित्र आचरण से अर्जित धन से व्यक्ति को पवित्रता नहीं मिल सकती. जब तक आप पवित्र नहीं हो जाते, तब तक किसी का आशीर्वाद भी प्रभावी नहीं होगा.
प्रेमानंद महाराज के बारे में जानें (Premanand Ji Maharaj)
भक्ति की शक्ति का एक अद्वितीय उदाहरण कलयुग में परम श्रद्धेय प्रेमानंद महाराज जी हैं. प्रेमानंद जी महाराज राधा रानी के महान भक्तों में से एक माने जाते हैं. उनकी भक्ति का प्रभाव इतना गहरा है कि वर्षों से कड़नी की समस्या से संघर्ष करने के बावजूद, वह प्रतिदिन अपने भक्तों और श्रद्धालुओं के लिए आश्रम में आते हैं. कुछ लोग उन्हें भगवान का अवतार भी मानते है।
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