Home ट्रेंडिंग Rule Of Worship: पूजा के समय भूलकर भी न करें ये गलतियां,...

Rule Of Worship: पूजा के समय भूलकर भी न करें ये गलतियां, जानें पूजा करने का सही समय

Rule Of Worship: पूजा-पाठ करना भगवान के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करने का सबसे अच्छा माध्यम है। पूजा करने से नाश सिर्फ मन शांत रहता है, बल्कि जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। प्रतिदिन पूजा-पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। शास्त्रों में पूजा-पाठ करने के कुछ नियम बताए गए हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर पूजा करने से बहुत लाभ मिलता है जबकि अगर पूजा करते वक्त नियमों को ध्यान में न रखा जाए तो इसका विपरीत फल भी मिल सकता है। तो आइए जानते हैं कि रोजाना किस समय करनी चाहिए पूजा और पूजा के वक्त किन नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।

 

यह भी पढ़े: https://vidhannews.in/astrology/what-is-vikram-samvat-and-how-it-works-29-07-2023-58470.html?amp=1

Rule Of Worship
Rule Of Worship

पूजा का सही समय
शास्त्रों के अनुसार पूजा-पाठ के लिए प्रातः काल सबसे उत्तम समय रहता है। कभी भी दोपहर के समय यानी 12:00 बजे से 4:00 के बीच पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ये समय देवताओं के आराम करने का समय होता है। इसलिए इस समय की गई पूजा स्वीकार नहीं होती। शास्त्रों के अनुसार निम्न समय पर पूजा की जा सकती है।
• प्रातः काल पूजा 4:30 से 5:00 के बीच
• दूसरी पूजा सुबह 9:00 बजे तक
• मध्याह्न पूजा दोपहर 12:00 बजे तक
• संध्या पूजा समय शाम 4:30 बजे से 6:00 बजे तक
• शयन पूजा रात्रि 9:00 बजे

 

यह भी पढ़े: https://vidhannews.in/astrology/when-will-shardiya-navratri-be-celebrated-this-year-what-will-be-the-auspicious-time-for-installation-of-kalash-25-07-2023-57445.html?amp=1

Rule Of Worship

इन बातों का रखें खास ख्याल
मान्यताओं के अनुसार, कभी भी शाम की आरती के बाद पुनः पूजा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसके बाद देवी-देवता विश्राम को चले जाते हैं और इस समय की गई पूजा का कोई भी फल प्राप्त नहीं होता है। अगर घर में किसी की जन्म या मृत्यु होती है, तब घर में सूतक काल लग जाता है जिस दौरान पूजा पाठ करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान देवताओं की मूर्ति को भी स्पर्श करना सख्त मना होता है।

डिस्क्लेमर: इस ख़बर में निहित किसी भी जानकारी, सूचना अथवा गणना के विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न माध्यमों, ज्योतिष, पंचांग, मान्यताओं के आधार पर संग्रहित कर तैयार की गई है।

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

 

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें, Twitter और Kooapp पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरें। 

 

 

Exit mobile version