Sleeping Vastu: दक्षिण दिशा की ओर सिर कर के क्यों सोना चाहिए? वास्तु और विज्ञान से जुड़ी है बात

Sleeping Vastu: व्यक्ति को हमेशा वास्तु के अनुसार सोने की दिशा करनी चाहिए। इससे आप नींद से जुड़ी हर समस्या से दूर रहेंगे।

Sleeping Vastu: हिंदू ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति के उठने और बैठने की मुद्रा से लेकर सोने की अवस्था तक का सही विश्लेषण बताया गया है। व्यक्ति को किस दिशा मुंह कर के सोना चाहिए और किस दिशा में बेड लगाना चाहिए। यह सभी वास्तुशास्त्र के अंतर्गत बताया गया है। कई बार लोगों को सही से नींद नहीं आती है या फिर बुरे स्वप्न आते हैं। यह सब गलत दिशा में सोने की वजह से होता है। आईए जानते हैं कि किस वास्तुशास्त्र के अनुसार सोने की सही अवस्था और दिशा क्या है….


अच्छी नींद के जरूरी है सही दिशा

वास्तु के अनुसार सोने की सबसे अच्छी स्थिति सुनिश्चित करने से व्यक्ति का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। कयोंकि नींद की स्थिति का पृथ्वी के चुंबकीय खिंचाव के साथ सीधा संबंध हो सकता है। इसलिए सोने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप सही दिशा में मुंह कर के सो रहे हैं या गलत दिशा में। व्यक्ति को हमेशा वास्तु के अनुसार सोने की दिशा करनी चाहिए। इससे आप नींद से जुड़ी हर समस्या से दूर रहेंगे।

दक्षिण की ओर सिर करके सोएं

अच्छी नींद के लिए सोने के लिए सबसे अच्छी दिशा पूर्व और दक्षिण दिशा है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सोने की सबसे अच्छी दिशा वह है जब आप अपना सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर की ओर रखें। बिस्तर को इस तरह से संरेखित करना आवश्यक है जो अच्छे ऊर्जा प्रवाह को बढ़ावा देता है और गुणवत्ता की नींद सुनिश्चित करता है। शोध में पाया गया है कि जानवर स्वाभाविक रूप से दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके सोते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति को पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर सिर करके ही सोना चाहिए। उत्तर व पश्चिम दिशा में सिर करके कभी नहीं सोना चाहिए। सूर्य पूर्व से उदय होकर पश्चिम में अस्त होता है। ऐसे में ऊर्जा का प्रवाह भी इसी दिशा में होने से शयन की सबसे अच्छी दिशा पूर्व दिशा ही मानी गई है।

क्या कहता है विज्ञान

कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों के आधार पर दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोते समय यह पाया गया है कि रक्तचाप में काफी कमी आती है और नींद की गुणवत्ता सुधरती है। दूसरी तरफ, उत्तर की ओर सिर करके सोने से चुंबकीय खिंचाव के कारण मस्तिष्क पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर पर असर पड़ सकता है। सिर उत्तरी ध्रुव की तरह कार्य करता है, इसलिए उत्तर की ओर मुख करके सोने की अनुशंसा नहीं की जाती है। इस प्रकार हमारे शरीर पर पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्रों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए, सोने के लिए दक्षिण सबसे अच्छी दिशा है।

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