Surya and Chandra Grahan 2023: खगोल विज्ञान में सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है इस दौरान बहुत से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जिसके दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच चंद्रमा आ जाता है जिससे पृथ्वी के ऊपर चंद्रमा की परक्षाई पड़ने लगती है। जबकि चंद्र ग्रहण एक ऐसी खबर यह घटना है जिसमें सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं और चंद्रमा पर पृथ्वी की परछाई नज़र आने लगती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण अथवा चंद्र ग्रहण के समय मनुष्य को सतर्क रहना चाहिए और अपनी राशि के अनुसार कुछ विशेष नियमों का भी पालन करना चाहिए।
कब नज़र आया था साल का पहला सूर्य ग्रहण
बता दें कि साल का पहला सूर्य ग्रहण 20 अप्रैल 2023 को लगा था भारतीय समय के अनुसार यह ग्रहण सुबह 7:03 से शुरू होकर दोपहर 12:28 तक था। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सका। इस कारण भारत में सूर्य ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं था। यह ग्रहण दक्षिण पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया, हिंद महासागर और अंटार्टिका समेत कई देशों में देखा गया था।
इस तिथि को लगेगा साल का अंतिम सूर्य ग्रहण
इस साल का अंतिम सूर्य ग्रहण अश्विनी अमावस्या में 14 अक्टूबर 2023 को लगेगा। यह ग्रहण रात 8:34 से अगले दिन 2:25 तक होगा। पिछले सूर्य ग्रहण की तरह यह भी भारत में दिखाई नहीं देगा जिस वजह से इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। सूतक काल में लोगों को शुभ कार्य करने से बचना चाहिए और गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
साल का अंतिम सूर्य ग्रहण कनाडा, मेक्सिको, अमेरिका, ब्राज़ील, क्यूबा, पेरू समेत अन्य देशों में दिखाई देगा।
कब नज़र आया था साल का पहला चंद्र ग्रहण
2023 का पहला चंद्र ग्रहण 5 मई को रात 8:44 से रात 1:00 बजे तक लगा था। यह ग्रहण कुल 4 घंटे 18 मिनट का था। हालांकि यह पूरे देश में नहीं दिखाई दिया था। यह एक आंशिक चंद्रग्रहण था जो ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के कई क्षेत्रों में दिखाई दिया था।
29 अक्टूबर को होगा साल का अंतिम चंद्रग्रहण
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण अश्वनी पूर्णिमा में 29 अक्टूबर को लगेगा। यह ग्रहण रात के 1:06 से रात के 2:00 बज कर 22 मिनट तक मान्य होगा जिसकी भारत में कुल अवधि 1 घंटे 16 मिनट की होगी। इस ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले यानी 28 अक्टूबर को दोपहर 2:52 से ही प्रारंभ हो जाएगा और ग्रहण की समाप्ति के साथ ही सूतक काल भी समाप्त हो जाएगा। यह ग्रहण खंडग्रास चंद्रग्रहण होगा।
(यह ख़बर विधान न्यूज चैनल के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है)
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