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वामन द्वादशी पर इस तरह करें भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा, दूर हो जाएंगे जीवन के हर कष्ट, जानें कथा

Vamana Dwadashi 2024
वामन द्वादशी 2024

Vamana Dwadashi 2024 Date Importance Puja Vidhi: वामन द्वादशी या वामन जयंती हर साल भादप्रद शुक्ल द्वादशी तिथि को मनाई जाती है. दृक पचांग के अनुसार, इस साल यह जयंती रविवार 17 सितंबर को है. पुराणों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु वामन रूप में अवतार लिया था. वामन, भगवान विष्णु के पांचवे अवतार थे जिन्होंने त्रेता युग में अवतार लिया था. कहते हैं कि भगवान वामन ने प्रह्लाद के पौत्र राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन पग में पृथ्वी को नाप लिया था. आइए जानते हैं वामन द्वादशी के लिए पूजन विधि.

वामन द्वदशी 2024 कथा | Vamana Dwadashi 2024 Katha

भागवत पुराण के अनुसार, बेहद बलशाली दैत्य राजा बलि ने इंद्र देव को हराकर स्वर्ग पर अपना अधिकार कर लिया था. राजा बलि भगवान विष्णु के परम भक्तज प्रह्लाद के पौत्र और दानवीर राजा होने के बावजूद भी एक अभिमानी राक्षस था. वह अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके देवताओं को डराया और धमकाया करता था. अत्यंत पराक्रमी और अजेय बलि ने अपनी शक्ति से तीनों लोकों का स्वामी हो गया था.

कहते हैं कि जब स्वर्ग से इंद्र का अधिकार छिन गया तो इंद्र, सभी देवताओं को लेकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे. इंद्र देव ने श्रीहरि के समक्ष अपनी पीड़ा बताते हुए सहयता करने की विनती की. तब देवताओं की ऐसी हालत को देखकर राजा बलि के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए अश्वासन दिया. भगवान विष्णु ने कहा कि वे अदिति के गर्भ से वामन अवतार लेंगे. इसके बाद भगवान विष्णु ने वाहन रूप में धरती पर अपना पांचवां अवतार लिया.

भगवान विष्णु एक बौने ब्रह्मण बालक के रूप में राजा बलि के पास पहुंचे. इसके बाद उन्होंने राजा बलि से तीन कदम के बराबर भूमि देने का आग्रह किया. हालांकि, शुक्राचार ने राजा बलि को किसी प्रकार का वचन देने से मना किया लेकिन राजा बलि ना शुक्रचार की एक ना सुनी और ब्रह्मण पुत्र को वजन दे दिया. राजा बलि ने भगवान विष्णु से तीन पल जितनी जमीन देने का वजन दे दिया. इसके बाद वामन देव ने अपना स्वरूप इतना विस्तार कर लिया का पहले की कदम में पूरी धरती को नाप लिया. इसके बाद दूसरे कदम में देवलोक को नाप लिया. मगर, तीसरे कदम के लिए कोई भूमि ही न बची. लेकिन राजा बलि अपने वचन के बड़े पक्के थे इसलिए उन्होंने तीसरे कदम के लिए उन्होंने अपनी सिर नीचा कर दिया और प्रभु तीसरा कदम यहां रखें.

वामन देव राजा बलि की वचनबद्धता के अति प्रसन्न होकर उन्हें पाताल लोक देने का निश्चय किया. इस तरह वामन देव राजा बलि के मस्तक पर अपना पैर रखा और सीधे पाताल लोक पहुंच गए.

वाहन जयंती पर कैसे करें पूजन | Vamana Dwadashi 2024 Pujan Vidhi

वाहन जयंती के दिन घर में वामन देव की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर उनकी पूजा करें. अगर मूर्ति है तो दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर उसमें गाय का दूध मिलाकर उससे भगवान का अभिषेक करें और अगर चित्र है तो सामान्य ढंग से पूजन करें. वाहन देव की पूजा के बाद कथा सुने और उनकी आरती करें. पूजन के अंत में चावल, दही और मिश्री का दान कर किसी ब्रह्मण को भोजन कराएं.

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