Vastu Gyan: घर के मंदिर में दुर्गा मां के शेर का मुंह खुला होने से रहता है ये खतरा

Vastu Gyan: वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि जब भी दुर्गा मां की मूर्ति की स्थापना की जाए तो उसमें शेर का मुंह खुला हुआ नहीं होना चाहिए।

Vastu Gyan: हिंदुओं की प्रमुख देवी मां दुर्गा की पूजा सबसे खास पर्वों में मानी गई है। हर हिंदू घर में दुर्गा मां की तस्वीर या मूर्ति जरूर होती है। दुर्गा मां का प्रिय वाहन शेर है, इसलिए माता शेर को ही आसन बनाकर बैठती हैं। जाहिर बात है कि माता दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर में भी मां शेर के साथ ही होती हैं। ऐसे में वस्तु शास्त्र कहता है कि जब भी दुर्गा मां की कोई तस्वीर या मूर्ति घर लाएं तो शेर का बंद मुंह वाली ही लाएं। कई मूर्तियों के दुर्गा मां के शेर का मुंह खुला रहता है जो अशुभ और भयंकर फल देता है। आईए जानते हैं कि घर के मंदिर में दुर्गा मां के शेर का मुंह खुला वाली तस्वीर क्यों नहीं रखनी चाहिए…

दुर्गा मां की मूर्ति किस दिशा में रखें 

घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित करने को लेकर भी वास्तुशास्त्र में नियम बताए गए हैं। इनमें मां दुर्गा की मूर्ति के लिए भी विशेष नियम हैं। घर के मंदिर में देवी की मूर्ति हथेली से ज्यादा बड़ी नहीं होनी चाहिए। इसके साथ ही वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार शेर की मूर्ति को हमेशा घर की पूर्व दिशा में रखना चाहिए। आप जब भी शेर की मूर्ति घर में रखें तब ध्यान रखें कि इसका मुख मुख घर के मुख्य दरवाजे की ओर होना चाहिए। इस दिशा में रखा गया शेर घर में सुख समृद्धि का कारण बनता है।

दुर्गा मां की फोटो में शेर का अर्थ

दुर्गा मां शेर की सवारी करती हैं, इसलिए उन्‍हें शेरोवाली कहा जाता है। देवी दुर्गा शक्ति, तेज और शक्ति की प्रतीक हैं। उनकी शक्ति से मुकाबला करने का सामर्थ्‍य किसी में भी नहीं है। शेर में आक्रामकता, ताकत और बहादुरी होती है। दुर्गा मां की तस्वीरों में शेर की दो मुद्राएं होती हैं। एक – शेर का मुंह बंद होता है, जिसका अर्थ होता है कि वह शांत है। दूसरा – शेर का मुंह खुला होता है, जिसका अर्थ है कि वह शिकार के लिए तैयार है।

क्यों करती हैं दुर्गा मां शेर की सवारी 

जब दुर्गा मां शेर की सवारी करती हैं तो इसके भी दो अर्थ होते हैं। पहले यह कि उन्हें शेर पर सवार होकर शत्रुओं का विनाश करना होता है। इस दौरान शहर का मुंह खुला होता है क्योंकि वह घटक और अकर्मक अवस्था में होता है। शेर की सवारी करते हुए मां दुर्गा की तस्वीर का दूसरा अर्थ यह है की मां ने शत्रुओं का विनाश कर दिया है और अब वह आशीर्वाद देने के लिए उपस्थित हैं। दुर्गा मां किस अवस्था में शेर का मुंह बंद होता है और वह शांति का प्रतीक होता है।

दुर्गा मां के शेर का मुंह ना हो खुला

इसलिए वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि जब भी दुर्गा मां की मूर्ति की स्थापना की जाए तो उसमें शेर का मुंह खुला हुआ नहीं होना चाहिए। क्योंकि जब शेर का मुंह खुला हुआ होता है तो उसे समय दुर्गा मां शत्रुओं का विनाश करने के लिए खड़ी होती हैं और उनका शहर शत्रुओं का रक्त पीने के लिए तत्पर होता है। शेर की इस अवस्था वाली तस्वीर का घर में होना शुभ संकेत नहीं होता है।

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