Vikram Samvat: कैसे काम करता है विक्रम संवत, जानें किस राजा के नाम पर पड़ा इसका नाम

Vikram Samvat: विक्रम संवत एक प्रचलित हिंदू पंचांग है, जिसके आधार पर त्योहारों की तारीख और मुहूर्त ज्ञात की जाती है। यह सूर्य और चंद्र की गति के आधार पर चलती है। विज्ञान ने भी विक्रम संवत को समय जानने का एक प्रमाणिक तरीका माना है। विक्रम संवत के आधार पर उत्तर, पश्चिमी और मध्य भारत में व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं। विक्रम संवत से पहले युधिष्ठिर संवत, कलयुग संवाद और सप्तर्षी संवत भी प्रचलित थे। तो आइए जानते हैं, कैसे काम करता है विक्रम संवत और कैसे पड़ा हिंदू कैलेंडर के महीनों का नाम।

 

यह भी पढ़े: https://vidhannews.in/astrology/when-is-the-full-moon-of-the-month-of-sawan-know-the-auspicious-time-of-bathing-and-donation-adhik-maas-purnima-28-07-2023-58292.html?amp=1

Vikram Samvat
Vikram Samvat

ऐसे हुई विक्रम संवत की शुरुआत
विक्रम संवत कि शुरुआत इतिहास के न्यायप्रिय और अपनी प्रजा का हित चाहने वाले राजा, राजा विक्रमादित्य के नाम पर पड़ा था। जब उन्होंने शकों के अत्याचार से कई राज्यों को मुक्त करा अपना शासन स्थापित किया था, तब स्मृति के रूप में राजा विक्रमादित्य ने विक्रम संवत पंचांग का निर्माण करवाया था। विक्रम संवत पंचांग उस दिन पर आधारित है, जब राजा ने शकों को हराया उज्जैन पर आक्रमण किया और एक नए युग की शुरुआत की। विक्रम संवत को नेपाल में भी मान्यता दी जाती है।

Vikram Samvat
Vikram Samvat

किस तरीके से कार्य करता है विक्रम संवत
हिंदू कैलेंडर में कुल 12 माह होते हैं: चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विनी, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन। हर साल चैत्र माह के प्रतिपदा तिथि से नए विक्रम संवत की शुरुआत होती है, जिसके साथ हिंदू नववर्ष भी आरंभ हो जाता है। विक्रम संवत की शुरुआत 57 ईसा पूर्व में हुआ था, जिसके कारण ये संवत अंग्रेजी कैलेंडर से 57 वर्ष आगे चलता है।

 

यह भी पढ़े: https://vidhannews.in/astrology/do-the-ascetics-of-gyanganj-use-telepathy-know-about-this-invisible-world-saint-in-gyanganj-27-07-2023-58036.html?amp=1

 

हिंदू कैलेंडर में कैसे रखे जाते हैं महीनों के नाम
हिंदू कैलेंडर में सभी महीनों के नाम नक्षत्रों के नाम पर ही रखे जाते हैं। प्रत्येक माह की पूर्णिमा तिथि पर जो नक्षत्र रहता है, उसी के नाम पर उस महीने के नाम रखे जाते हैं। जैसे चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को चित्रा नक्षत्र का निर्माण होता है इसीलिए इस माह को चैत्र माह कहा जाता है, वैसे ही वैशाख में विशाखा, जेष्ठ में जेष्ठ नक्षत्र का निर्माण होने के कारण इन महीनों का नाम रखा गया है। विक्रम संवत में साल के कुल 354 दिन होते हैं।

 

डिस्क्लेमर: इस ख़बर में निहित किसी भी जानकारी, सूचना अथवा गणना के विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। यह विभिन्न माध्यमों, ज्योतिष, पंचांग, मान्यताओं के आधार पर संग्रहित कर तैयार की गई है।

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

 

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबर।

- Advertisement -

Related articles

Share article

- Advertisement -

Latest articles