Devraj Indra: हिंदू धर्म में इंद्रदेव को वर्षा का देवता और स्वर्ग लोक का राजा माना जाता है। पृथ्वी का पर वर्षा करने का कार्यभार इंद्रदेव ही संभालते हैं। लेकिन फिर भी इंद्रदेव की बहुत ही कम पूजा होती है जिसका कारण है उनकी कामवासना, जिसके चलते कई बार कष्टों का सामना करना पड़ा। तो आइए जानते हैं इंद्रदेव की कामवासना से जुड़ी एक ऐसी ही पौराणिक कथा के बारे में।

इंद्र ने किया था गौतम ऋषि के साथ जल
गौतम ऋषि की पत्नी अहिल्या ब्रह्मदेव द्वारा बनाई गई सबसे सुंदर महिलाओं में से एक थीं। उन्हें देखकर इंद्रदेव उनकी सुंदरता पर मोहित हो गए, जिसके बाद उन्होंने एक दिन ऐसा वातावरण बनाया जिसे देखकर गौतम ऋषि को प्रतीत हुआ कि सुबह हो गई है और वे स्नान के लिए आश्रम से बाहर चले गए।
गौतम ऋषि के बाहर जाती है देवराज इन्द्र ने गौतम ऋषि का वेश धारण कर आश्रम में प्रवेश किया और आते ही अहिल्या से संभोग का निवेदन करने लगे। एक बार तो अपने पति के इस विचित्र व्यवहार पर अहिल्या को शंका हुई, लेकिन छल कपट की मीठी बातों पर अहिल्या उनके झांसे में आ गई और भूल कर बैठीं।
क्रोध में ऋषि ने दिया इंद्र को श्राप
जब ऋषि नदी के पास पहुंचे तो वहां का वातावरण देख ऋषि को अनुभव हुआ कि भोर अभी नहीं हुई है, जिसके बाद वे वापस घर पहुंचे। वहां उन्होंने उनके वेश में कुटिया से निकल रहे दूसरे पुरुष को देखा। यह देखकर वे बहुत क्रोधित हो गए और इंद्र को श्राप दिया की उनकी पत्नी का स्त्रीत्व भंग करने के कारण उनके पूरे शरीर पर हजार योनियां उत्पन्न हो जाए।
ऋषि के क्रोध का अहिल्या भी हुई शिकार
अत्यंत क्रोध में गौतम ऋषि ने अपनी पत्नी को भी श्राप देकर एक शीला में बदल दिया। जब बाद में उन्हें अहिल्या के इस अनजाने भूल के बारे में पता चला, तब उन्होंने कहा कि जब भगवान विष्णु स्वयं इस आश्रम में पैर रखेंगे तब उन्हें मुक्ति मिल जाएगी।
(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)
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