
8th Pay Commission: आठवें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर लंबे समय से चल रही चर्चाओं पर अब सरकार ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते (DA) को मूल वेतन (Basic Pay) में मर्ज करने की मांग को फिलहाल खारिज कर दिया है। इससे उन लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को निराशा हुई है, जो बेसिक सैलरी में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाए बैठे थे।
सरकारी पक्ष का कहना है कि फिलहाल डीए को बेसिक वेतन में शामिल करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। सरकार ने यह भी साफ किया कि मौजूदा व्यवस्था के तहत DA और DR (Dearness Relief) को हर छह महीने में संशोधित किया जाता रहेगा, ताकि महंगाई के असर से कर्मचारियों और पेंशनर्स को राहत मिलती रहे।
कर्मचारियों की मांग क्या थी? (8th Pay Commission)
केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों की मांग थी कि वर्तमान 58 प्रतिशत डीए को सीधे बेसिक सैलरी में जोड़ा जाए। उनका तर्क था कि इससे न केवल मूल वेतन बढ़ेगा, बल्कि HRA, पेंशन और अन्य भत्तों में भी स्वतः बढ़ोतरी हो जाएगी। कर्मचारियों का मानना था कि डीए के लगातार बढ़ने के बावजूद उसे बेसिक में शामिल न करना वास्तविक वेतन वृद्धि को सीमित कर रहा है।
सरकार की दलील क्या है?
सरकार ने कर्मचारियों की मांग पर जवाब देते हुए कहा है कि डीए को मर्ज करने से वेतन ढांचे पर बड़ा वित्तीय भार पड़ेगा। फिलहाल सरकार की प्राथमिकता मौजूदा डीए सिस्टम को बनाए रखने की है ताकि कर्मचारियों की क्रय शक्ति बनी रहे। सरकार का यह भी कहना है कि डीए को अलग रखने से महंगाई के अनुसार वेतन में जरूरी संतुलन बना रहता है।
8वां वेतन आयोग क्या करेगा?
8वें वेतन आयोग का दायरा व्यापक होगा। इसमें नए वेतन ढांचे, फिटमेंट फैक्टर, पेंशन नियम और भत्तों की समीक्षा शामिल है। आयोग आने वाले समय में अपनी सिफारिशें सौंपेगा, जिसके बाद वेतन वृद्धि को लेकर सरकार फैसला लेगी।
हालांकि अभी डीए मर्जर पर इनकार हुआ है, लेकिन वेतन आयोग की सिफारिशों से कर्मचारियों को भविष्य में आर्थिक राहत मिलने की संभावना बनी हुई है।
सरकार के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि फिलहाल डीए को बेसिक में जोड़ने का रास्ता बंद है। अब कर्मचारियों की नजरें पूरी तरह 8वें वेतन आयोग की रिपोर्ट पर टिकी हैं। उम्मीद की जा रही है कि आयोग की सिफारिशें वेतन और पेंशन में नया सुधार लेकर आएंगी।
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