Term Insurance : दुनियाभर में ऐसे कई लोग हैं जो अपनी बीमा पॉलिसी को आगे बढ़ते हुए चल रहे हैं. इसी बीच एक भीम पॉलिसी टर्म प्लान Term Plan और टर्म इंश्योरेंस Term Insurance के नाम से भी मशहूर है. हर मिडिल क्लास फैमिली के लोग अपनी फैमिली की सुरक्षा और आगे के खर्च के लिए कोई ना कोई बीमा प्लान करवाकर ही रखते हैं. इसी बीच कई बार ऐसी स्थितियां भी उत्पन्न हो जाती हैं जिसमें परिवार को संकट का सामना करना पड़ जाता है.
हर एक मिडिल क्लास फैमिली का व्यक्ति बीमा पॉलिसी इसलिए करवाता है ताकि वह बीमा पॉलिसी उनके परिवार के लिए आर्थिक समय को मजबूत कर सके और उनके संकट में काम आ सके. वहीं अगर बात करें टर्म इंश्योरेंस या फिर टर्म प्लान की तो यह एक ऐसा बीमा पॉलिसी है, जो परिवार को मुश्किल घड़ी के वक्त में आर्थिक तरह से मजबूत करती है.
वैसे तो बीमा पॉलिसी लेते वक्त हर एक पॉलिसी धारक के मन में कई सारे सवाल उत्पन्न होते हैं. इनमें से एक सवाल यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति टर्म प्लान Term Plan लेता है और उसके कुछ दिन बाद या फिर अगले ही दिन उस व्यक्ति का मर्डर या फिर किसी एक्सीडेंट में मृत्यु हो जाती है, तो क्या ऐसे में उसकी पॉलिसी का पूरा पैसा नॉमिनी का मिलेगा? यह एक बड़ा सवाल है जो आपके मन में भी कई बार उत्पन्न हुआ होगा. तो आज इस आर्टिकल में नीचे पूरी डिटेल में आपको बताते हैं इसी सवाल के जवाब के बारे में.
नहीं करना होगा नॉमिनी को वेट
आपको बता दें, अगर फैमिली में किसी भी सदस्य ने टर्म प्लान ले रखा है और अगले ही दिन या फिर कुछ दिन बाद उस पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो ऐसे में नॉमिनी को पूरा पैसा दिया जाता है. टर्म बीमा के अनुसार नेचुरल डेथ, बीमारी से मौत, एसिडेंट से मौत होने पर नॉमिनी को पॉलिसी का पूरा पैसा दिया जाएगा. वहीं अगर मौत की वजह आत्महत्या है तो आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है. ऐसे में टर्म इंश्योरेंस के तहत राशि प्राप्त करने के लिए लगभग एक साल तक का वेटिंग पीरियड लग सकता है.
मौत के बाद नॉमिनी ऐसे करे राशि प्राप्त करने के लिए क्लेम
अगर किसी पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसका पूरा पैसा शर्तों के अनुसार नॉमिनी को दिया जायेगा. लेकिन वह नॉमिनी पॉलिसी धारक की हत्या यानि की मौत का कारण नहीं होना चाहिए. अगर नॉमिनी पर ही पॉलिसी धारक की हत्या का आरोप है, तो ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी नॉमिनी को पैसे देना से मना कर देगी. यह पैसा बीमा कंपनी के पास ही रहेगा. यह पैसा नॉमिनी को तभी मिलेगा जब कोर्ट द्वारा नॉमिनी निर्दोष साबित हो जाएगा. इसी के साथ-साथ आपको यह भी बता दें की नॉमिनी को पैसा इस वजह से भी नहीं मिल पाएगा, अगर वह किसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त है. या फिर उसपर कोई केस चल रहा है.
इन स्थितियों में खारिज हो सकता है आपका क्लेम
टर्म प्लान लेते वक्त बीमा कंपनी द्वारा पॉलिसी धारक की पूरी हेल्थ रिपोर्ट ली जाती है. लेकिन इसी बीच कई लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी हेल्थ रिपोर्ट एकदम सही देते हैं और अपने बीमारी को छुपा लेते हैं. इसी बीच अगर उनकी बीच में मृत्यु हो जाती है तो इस स्थिति में बीमा कंपनी द्वारा पैसा नहीं दिया जाएगा.
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