
Life Insurance Claim: लाइफ इंश्योरंस पॉलिसी जीवन में जरूरी होती है ना जानें लाइफ किस मोड़ पर आकर खड़ी हो जाए। अचानक लाइफ में अनवाटेंड मुसीबतों से बचने के लिए कंपनियां क्लेम को सेटल करके लाइफ को ईजी बनाने में सहयोग करती हैं। लेकिन कुछ गलतियों की वजह से कई बार ये रिजेक्ट भी हो जाता है। इसलिए कोई भी गलत जानकारी या भ्रामक डेटा जो किसी भी बीमा कंपनी मानदंडों के मुताबिक नहीं है, ऐसी स्थिति में जीवन बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक् कर देती है, इनसे बचने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, आइए जानते हैं..
Life Insurance Claim: ना करें ये गलतियां
1. गलत जानकारी ना दें
अगर आप लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते वक्त गलत जानकारी देते हैं या किसी जरूरी जानकारी का खुलासा नहीं करते हैं तो बीमा कंपनी क्लेम को रिजेक्ट कर सकती है। कोई भी जानकारी जैसे उम्र, पेशा, आय किसी की भी गलत जानकारी दी गई है तो क्लेम रिजेक्ट होने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए किसी भी तरह की कोई गलत जानकारी ना भरें।
2. क्रॉस-वेरिफिकेशन भी करें
दी गई जानकारी का क्रॉस-वेरिफिकेशन जरूर करें, इससे अगर कोई कमी या गलत जानकारी भर दी गई है तो वो समय रहते ठीक हो जाएगी, इससे आगे क्लेम लेने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आएगी।
3. भुगतान में चूक ना करें
प्रीमियम के भुगतान में चूक करना लाइफ इंश्योरेंस क्लेम के रिजेक्ट होने की एक बड़ी वजह हो सकती है। अगर आप अपने बीमा प्रीमियम का भुगतान करने में विफल रहते हैं, तो आप पॉलिसी के कवरेज से लाभ नहीं उठा पाएंगे।
4.नॉमिनी की डिटेल ऐड या अपडेट जरूरी
अगर आपने लाइफ इंश्योरंस पॉलिसी ली है तो आपको अपनी बीमा पॉलिसी में नामांकित व्यक्ति यानी नॉमिनी की डिटेल ऐड या अपडेट करना जरूरी है।़
कई बार इंश्योरेंस क्लेम करने में देरी हो जाती है। हालांकि बीमा नियामक आईआरडीएआई ने बीमां कंपनियों से कहा है कि देरी के आधार पर दावे को खारिज न करें। अगर आप क्लेम देरी से करेंगे तो पेमेंट में भी कंपनी की तरफ से देरी हो सकती है।
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