Poverty : दुनिया के सबसे अमीर लोगों में गिने जाने वाले Tata, बिरला, अम्बानी, अड़ानी , फिर भी क्यों ख़तम नहीं हो पा रही है भारत से ग़रीबी !

Poverty : ग़रीबी ना सिर्फ़ भारत बल्कि और कई देशों में ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है । हर देश में इंकम के मुताबिक़ तीन हिस्सों में जनता को बाँटा जाता हैं।

Big business groups in India
  •  पहले आते है अम्बानी अड़ानी जैसे अमीर लोग! जिन्हें अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों से हद से ज़्यादा चीजें या रीसॉर्सेज़ मिले हुए है। जिन्हें पैसे की वज़ह से किसी परेशानी का कोई सामना ना करना पडता हो ।
  • फिर आते है मिडल क्लास सॉसायटी जिन्हें अपने ज़रूरत की चीजें थोड़ी मेहनत के बाद मिल जाती है । मिडल क्लास या मध्यवर्गीय लोगों की संख्या भारत में सबसे अधिक मानी जाती है ।
  •  आख़िर में आते है बिलो दा पावर्टी कहे जाने वाले लोग जिन्हें कभी कभी तो समय पर खाना तक नसीब नहीं होता।
    ना उनके पास कोई नौकरी की सम्भावना होती है जिससे वे अपने परिवार का पेट पाल सके ।

देशभर में कितने ही बिज़्नेसमैन क्यों ना खड़े हो जाए मगर ग़रीबी ख़त्म नहीं कर सकते।

आख़िर क्या है देश में इतनी बढ़ती ग़रीबी का कारण-

ग़रीबी कोई एक दम से बढ़ने वाली चीज़ नहीं । यह धीरे धीरे बढ़ती है और किसी देश को कही का नहीं छोड़ती।
भारत में लोगों के गरीब होने का सबसे बड़ा कारण है नौकरी ना होना। जब व्यक्ति के पास नौकरी ही नहीं है तो वह पैसे कहा से कमाएगा । जब पैसे नहीं कमाएगा तो खाना पीना क़पड़े आदि कहा से होगा ।दूसरी बात आती है ज्ञान। नौकरी करने के किए ज्ञान की बहुत अधिक आवश्यकता होगी और अगर किसी में उस बारे में कोई नहीं हुआ तो वो नौकरी उसको कोई क्यों ही लेगा।

भारत में शहरों की चकाचोंद देख कर लोग हद से अधिक आकर्षिक हो रहे हैं और उसे देख कर सोच लेते है कि ऐसा ही देश होगा ऐसे ही लोग होंगे ।लेकिन उन्होंने कभी भारत के अंदर का हाल नहीं देखा जो है एक काला सत्य ग़रीबी।
हाँ कही ना कही आज भारत सबसे ऊपर उठता जा रहा है लेकिन ग़रीबी उसका हाथ बराबर थामे हुए हैं ।
भारत की जनसंख्या का ग़रीबी से सम्बंध-
बात सिर्फ़ इतनी है कि भारत बहुत ऊपर उठ रहा है लेकिन ग़रीबी का क्या करे। भारत की ग़रीबी का सबसे बड़ा कारण एक जनसंख्या ।
जनसंख्या ज़्यादा होने के कारण सारी सुविधाएँ बराबर बाटने की कोशिश में सरकार हार चुकी है।ज़्यादा संख्या होने के कारण सरकार लोगो को बराबर का हक़ देना चाहती है । सरकार के पास लिमिटेड अमाउंट के रीसॉर्सेज़ होने के कारण वो सब में नहीं बाट पाती जिसका नतीज़ा आगे के लिए देश के लिए कुछ ख़ास नहीं था ।

देश में ग़रीबी ख़त्म करना कोई बड़ी आम नहीं हैं । बहुत कुछ करना पडता हैं सरकार को भी साथ के साथ देशवासियों को भी ।ग़रीबी कोई एलेमेंट नहीं है , बल्कि एक मजबूरी हैं । ऐसी मजबूरी जिससे हर कोई दूर रहना चाहते हो! ग़रीबी ख़त्म करनी हैं तो लोगों को सरकार की स्कीमों पर ध्यान देना होगा जब कही जाकर कुछ हद तक ग़रीबी हाथ में आएगी!

 

(यह आर्टिकल विधान न्यूज में इंटर्न कर रहीं कशिश नगर ने तैयार की है।)

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