Criminal Earns In Jail: आज आपको हम एक ऐसी बात बताने जा रहे हैं, जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे। आप प्राइवेट या छोटी सरकारी नौकरी करते हैं महीने में 25 से 30 हजार रुपए कमा लेते होंगे। मगर क्या आप जानते हैं जेल में बंद कैदी आपसे ज्यादा कमा लेते हैं। लगा ना झटका! जी हां, जेल में रहकर भी एक कैदी प्रति महीना 25 हजार तक कमा लेता हैं। कुछ कैदी तो हर साल 2 से 4 लाख रुपए तक घर भेजते हैं। आईए आपको बताते हैं कि जेल में रहकर कैदी इतना कैसे कमा लेता है…
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कैदियों को जेल में मिलता है रोजगार
दरअसल, कारागार (जेल) प्रशासन अच्छे आचरण के आधार पर कैदी या बंदी को काम यानी रोजगार देता है। जेल में लगभग 200 कैदियों को इसी आधार पर रोजगार दिया जाता है। ये कैदी जेल में मजदूरी कर के एक वर्ष के भीतर दो से चार लाख रुपये तक कमा लेते हैं। सभी कैदियों को मजदूरी का मेहनताना अलग-अलग दिया जाता है। किसी को कम तो किसी को ज्यादा रुपए मिलते हैं। ये कैदियों की कार्य कुशलता और गुणों पर निर्भर करता है।
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सुधार गृह में निखर रहा कैदियों का हुनर
जब अपराधी का अपराध सिद्ध हो जाता है तो उसे सुधार के लिए जेल भेजा जाता है। सजा सुधार की प्रक्रिया का अहम हिस्सा है और अपराधियों के लिए जेल सुधार गृह है। जिला कारागार गोरखपुर के कई कैदी और बंदी अपने कार्य व्यवहार से बदलाव की यही बानगी पेश कर रहे हैं। सजा या निरुद्धि की अवधि में कारागार प्रशासन ने मौका दिया, तो इन्होंने इसका उपयोग कमाने के साथ हुनर को निखारने में किया।
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इस तरह वितरित होती है रोजगारी
सिद्धदोष कैदी को कारागार में काम करना पड़ता है, जबकि विचाराधीन बंदी को मर्जी से काम करने की छूट है। कुशल बंदियों को प्रतिदिन काम करने पर 81 रुपये और अर्ध कुशल को 60 रुपये मिलते हैं। अकुशल श्रेणी के बंदियों को सफाई व कृषि कार्य में लगाया जाता है जिसके बदले उन्हें 50 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं।पहले कुशल बंदियों को प्रतिदिन 40 और अर्ध कुशल बंदियों को 30 रुपये मिलते थे। अकुशल श्रेणी के बंदियों को 25 रुपये दिए जाते थे। एक वर्ष पहले शासन ने इसे दोगुना कर दिया।
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जेल से परिवार का खर्चा उठा रहें कैदी
उत्तर प्रदेश के जिला कारागार गोरखपुर में बंद कई कैदियों ने कमाई कर सुधार का अच्छा उदाहरण पेश किया है। गैर इरादतन हत्या के मामले में बंद उमेश अपने बच्चों की पढ़ाई जारी रखने के लिए पत्नी के खाते में रुपये भेज रहा है। शैलेंद्र कुमार जेल बंद होने के बाद भी बीमार माता-पिता के उपचार का खर्च उठा रहा है। कुछ बंदी और कैदी बुजुर्ग माता-पिता की दवा के खर्च का प्रबंध इसी कमाई से कर रहे हैं। वहीं हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कृष्णा महतो ने सबसे ज्यादा 25 हजार रुपये कमाए हैं, जिसे उन्होंने बच्चों की पढ़ाई के लिए घर भेजा है।इस तरह जेल में बन्द कैदियों की कमाई ने उनके परिवारों की दवाई-पढ़ाई के खर्च के लिए रुपए इकट्ठा किए हैं।
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