Patna Street Dogs Lover: पटना के 3 लड़के आवारा कुत्तों के लिए चला रहे है शेल्टर होम, ट्यूशन पढ़ाकर करते है खाने का इंतजाम।

Patna Street Dogs Lover: आज के दौर में युवा अवस्था में लोग जहां अपना ज्यादातर समय सोशल मीडिया पर व्यतीत करते है या फिर दोस्तों के साथ मस्ती में दिन निकल देते है वहीं बिहार के पटना में तीन ऐसे ग्रेजुएट छात्र भी हैं जो ट्यूशन पढ़ाकर आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर होम चला रहे हैं। ये युवा बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। फिर इस पैसे से स्ट्रीट डॉग्स के रहने का इंतजाम करते हैं।

कैसी है जानवरों के शेल्टर होम की व्यवस्था?

इन युवाओं ने जानवरों को बचाने के लिए ‘अपना फाउंडेशन’ नाम की एक संस्था बनाई है। ये फाउंडेशन आवारा कुत्तों को रेस्क्यू करती है। फिर उनके खाने और घर का इंतजाम करती है। इनका ये शेल्टर होम पटना के शगुना मोड़ इलाके में स्थित है। इस शेल्टर होम को जानवरों की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है जिसमें गाय और कुत्तों के लिए अलग से व्यवस्था है।
‘अपना फाउंडेशन’ की शुरुआत कोरोना काल में हुई थी। इस फाउंडेशन ने अब तक कई जानवरों को रेस्क्यू किया है जिसमें बिल्लियां, गाय, सांप, बत्तख और घोड़े भी शामिल हैं। फिलहाल इस फाउंडेशन में 25 जानवर रहते हैं।

कौन हैं ये तीन छात्र ?

‘अपना फाउंडेशन ‘ पटना के तीन ग्रेजुएट छात्र वर्षा, आशीष मेहरा और अंकित कर्णा द्वारा संचालित की जाती है जिसमे जानवरों को घर और खाना मुहैया कराया जाता है, इसके आलावा वहां जानवरों की नसबंदी भी की जाती है। इस कार्य के लिए तीनों छात्र ट्यूशन पढ़ाते हैं और उससे जो पैसे मिलते हैं, वे बेजुबानों पर खर्च करते हैं। अपना फाउंडेशन की शुरूआत करने वाली वर्षा राज ने ग्रेजुएशन किया है। वे बताती हैं कि बेजुबानों को सहारा देना उनका लक्ष्य है। लोग विदेशी नस्ल के कुत्तों को पसंद करते हैं लेकिन स्ट्रीट डॉग्स को प्यार नहीं करते हैं। सबसे बुरी बात हैं कि लोग बीमार पालतु कुत्तों को रोड पर छोड़ देते हैं।
फाउंडेशन के मेंबर आशीष बताते हैं की उन्हें लोगों से डोनेशन भी मिलता है, जिसे वे लोग जानवरों के रेस्क्यू, उनके इलाज और उनके खाने पर खर्च करते हैं।

(यह ख़बर विधान न्यूज के साथ इंटर्नशिप कर रहे गौरव श्रीवास्तव द्वारा तैयार की गई है।)

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