Aging and Brain : 60 साल की उम्र में सठियाता नहीं है दिमाग, भूल जाएं अब यह कहावत

Aging and Brain :  साठ साल की उम्र में दिमाग सठियाने वाली कहावत को एक शोध ने गलत साबित कर दिया है। साठ साल की उम्र में इंसान का दिमाग सठियाता नहीं बल्कि किसी 20 साल के युवा के दिमाग की तरह तेज दौड़ने लगता है।

Aging and Brain : कहा जाता है कि साठ साल की उम्र में व्यक्ति सठियाने लगता है यानी की उसका दिमाग काम नहीं करता। उसकी मानसिक शक्ति कमजोर तथा याददाश्त क्षीण हो जाती है।वो बुद्धिहीन सा हो जाता है। अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो यह खबर आपके लिए ही है। क्योंकि एक शोध में साबित किया गया है कि साठ साल की उम्र में इंसान का दिमाग सठियाता नहीं बल्कि किसी 20 साल के युवा के दिमाग की तरह तेज दौड़ने लगता है।

20 साल के दिमाग वालों को दी टक्कर

जर्मनी की हिंडलबर्ग यूनिवर्सिटी ने हाल ही में करीब 10 लाख लोगों पर की अपनी शोध के बाद ये चौंकाने वाला खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को 10 से 80 साल के आयु वर्ग में बांटा। इसके बाद 10-10 साल के वर्ग के लोगों को नकारात्मक और सकारात्मक शब्दों और फोटो को व्यवस्थित करने के लिए कहा। अध्ययनकर्ताओं ने शब्दों और तस्वीरों को व्यवस्थित(अरेंज) करने पर सटीकता और समय को पैमाना बनाया।

20 वर्ष के आयु वर्ग वाले लोग इस टेस्ट में सबसे आगे रहे इसके बाद 60 साल तक के आयुवर्ग के लोगों के दिमाग की रफ्तार भी कमोबेश इनके बराबर रही। इससे पता चला कि 60 साल तक हमारे दिमाग की रफ्तार बनी रहती है यानी कि इस उम्र तक हमारा दिमाग धीमा नहीं पड़ता। टेस्ट में 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के दिमाग की रफ्तार में कमी जरूर दर्ज की गई।

फिर से विचार करने वाला मुद्दा

आपको बताते चलें कि इससे पूर्व प्रकाशित अध्ययनों में यह माना जाता रहा है कि 20 साल की उम्र के बाद दिमाग की रफ्तार में धीरे-धीरे कमी आती है। यानी की 20 साल तक की उम्र तक दिमाग (Aging and Brain) सबसे ज्यादा तेज रफ्तार में काम करता है। यह भी माना जाता था कि 40 साल के बाद दिमाग की रफ्तार और धीमी हो जाती है और साठ साल वाले लोगों का दिमाग मंद पड़ जाता है लेकिन, इस शोध ने बता दिया है कि साठ साल पर दिमाग की रफ्तार कम होने वाली बात पर अब विचार करने की आवश्यकता है।

यह भी पता चला

शोध का नेतृत्व करने वाले डॉ. मिश्चा वॉन क्राउस के अनुसार, दिमाग की रफ्तार व्यक्ति के काम पर भी निर्भर करती है। व्यक्ति जैसा काम करता है, दिमाग की रफ्तार भी उसी हिसाब से तय होती है। उदाहरण के तौर पर श्रम का काम करने वाले लोगों के दिमाग (Aging and Brain) की रफ्तार मानसिक काम करने वाले लोगों से कम पाई गई।

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