Colon Cancer: हमारे आसपास कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस मौजूद रहते हैं जो कि कई बड़ी बीमारियों का कारण बनते हैं। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने एक बैक्टीरिया के प्रकार की खोज की है जो की कॉलोन या क्लोरेक्टल कैंसर का कारण बन रहा है। हाल ही में इसे लेकर एक स्टडी में खुलासा हुआ है।
स्टडी में हुआ बड़ा खुलासा?(Colon Cancer)
नेचर जनरल में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुआ है जिसमें बताया गया है कि टयूमर सेल्स को कैंसर से लड़ने वाली दावों से बचाता है और प्रशिक्षण में पाया गया है कि 50% उम्र में पाया गया है। अध्ययन के अनुसार यह जीवाणु आमतौर पर मुंह में पाए जाते हैं और अंत में पहुंच जाते हैं और पेट में कैंसर विकसित करते हैं।आपके मुंह में जो वायरस और बैक्टीरिया पाए जाते हैं वह पेट का कैंसर होने का बड़ा कारण बनते हैं.
रिसर्च में बड़ी जानकारी आई सामने
इस शोध में शामिल 200 मरीजों से निकाले गए कोलोरेक्टल कैंसर ट्यूमर की जांच के दौरान टीम ने फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम के लेवल को मापा। यह एक जीवाणु है, जो ट्यूमर को संक्रमित करने के लिए जाना जाता है। इनमें लगभग 50% मामलों में, उन्होंने पाया कि हेल्दी टिश्यू की तुलना में ट्यूमर टिश्यू में जीवाणु का केवल एक खास सबटाइप सबसे ज्यादा मात्रा में था। इतना ही नहीं शोधकर्ताओं ने स्वस्थ लोगों के स्टूल सैंपल की तुलना में कोलन कैंसर मरीजों के स्टूल सैंपल में भी इस सूक्ष्म जीव की संख्या को ज्यादा पाया।
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ऐसे में पेट तक पहुंचता है बैक्टीरिया
रिसर्च में पता चला कि यह बैक्टीरिया मुंह से पेट जरिए से ट्रेवल कर सकता है, पेट में एसिड का सामना कर सकता है और फिर लोअर गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट (जीआई) में बढ़ सकता है। कोलन कैंसर के मरीजों के हेल्दी टिश्यू के साथ ट्यूमर टिश्यू की तुलना करते हुए, शोधकर्ताओं ने पाया कि सिर्फ सब-टाइप Fna C2 कोलोरेक्टल ट्यूमर टिश्यू में काफी ज्यादा मात्रा में है और कैंसर के विकास के लिए जिम्मेदार है।
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