Child behaviour: आजकल बच्चों से लेकर बड़ों तक गैजेट्स का ट्रेंड है। बच्चे छोटी उम्र से ही तरह – तरह के गैडेट्स का इस्तेमाल करने लगते हैं। यहीं नहीं कम उम्र में ही बच्चे सोशल मीडिया पर भी एक्टिव होकर उम्र से बड़ी चीजें देखते और सुनते हैं। जिससे बच्चों का ज्यादा तर समय परिवार के सदस्यों के साथ नहीं बल्कि मोबाइल, वीडियो गेम्स, जैसे गडेट्स के साथ गुजरता है। जिससे बच्चा बेसिक मैनर्स नहीं सीख पाता। इनमें कई बच्चे स्वभाव से जिद्दी और अड़ियल बन जाते हैं, जो मां-बाप के लिए परेशानी खड़ी करते हैं। आईए जानते हैं कि जिद्दी बच्चों की आदतों को कैसे सुधारा जा सकता है…
बचपन में तैयार करें विकास की नींव
बच्चों के विकास की नींव उनके बचपन में ही तैयार हो जाती है। जैसा माहौल बच्चे को बचपन से मिलता है, वैसा ही उसका बर्ताव होता है। अक्सर देखा गया है कि बच्चे वही सीखते और करते हैं जो वो लगातार अपने आस-पास या मां-बाप को करता हुआ देखते हैं। बच्चे गैजेट्स चलाना भी मां-बाप से ही सीख लेते हैं। ऐसे में अगर बचपन में ही बच्चों को सही डायरेक्शन दिया जाए और उन्हें गैजेट्स से दूर रख कर बेसिक शिक्षा समझाई जाएं तो बच्चा उचित व्यवहार करेगा।
बच्चों को बनाएं सकारात्मक
हर मां-बाप को बचपन से अपने बच्चों के जीवन में इस प्रकार के कुछ सकारात्मक शब्दों को शामिल करना चाहिए। जिससे आप उन्हें विनम्र बना सकते हैं। उनके व्यक्तित्व को आकर्षक बना सकते हैं। साथ ही उन्हें एक अच्छा इंसान बना सकते हैं। इसके लिए जरूरी है की मां-बाप पहले अपना व्यवहार उचित रखें। तभी वह बच्चों को सिखा सकते हैं। अगर आप सकारात्मक व्यवहार दिखाएंगे तो बच्चे पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
बिगड़ैल बच्चे को कैसे सुधारें?
1- बच्चों ने ना करें झूठे वादें
हर मां-बाप के लिए जरूरी है अपने बच्चों के लिए उदाहरण बनना। इसलिए अगर आप अपने बच्चों से कोई वादा करते हैं, तो अपनी बात पर कायम रहें। जिससे आपका बच्चा आपकी तारीफ करेगा और आप पर भरोसा करेगा। इस वाकये से वो सीखेगा कि अपनी बात पर कायम रहना चाहिए। इससे भरोसा बनता है।
2- बच्चों के अच्छे काम की करें प्रसंशा
अपने बच्चों के विकास पर नजर रखें। उनके आगे बढ़ने के प्रयास की सराहना करें। अपने बच्चों को एहसास दिलाएं कि आपको उनके अच्छे प्रयास पर गर्व है। जिससे वो अगली बार दुगनी ताकत से प्रयास करें।
3- बच्चों के बन जाएं दोस्त
चेतावनी और धमकियां लंबे समय तक बच्चों पर काम नहीं करती। एक युवा अगर कुछ करता है और फिर उसमें फेल हो जाता है तो वो बुरा महसूस करता है। ऐसे में आपकी एक बेहतर और दोस्ताना सलाह उसके अंदर फिर उत्साह भरती है। बच्चों से अगर कोई गलती हो जाती है तो उन्हें चेतावनी और धमकी देने के बजाय उन्हें पास में बैठाकर सही गलत का फर्क बताएं और उनके परिणाम भी।
4- बच्चों के प्रति व्यक्त करें प्यार
अपने बच्चों को प्यार का एहसास कराएं। उन्हें बताएं कि आपको उनके पैदा होने पर और उनको बड़ा करते वक्त कितनी खुशी मिली। जिससे उनके व्यवहार पर सकारात्मक असर पड़े। लेकिन ज्यादातर मां-बाप बच्चों के पालन-पोषण में आने वाली कठिनाइयों का रोना रोते रहते हैं। जिससे बच्चों को चिढ़ होती है और उनके अंदर हीन भावना पैदा होती है। ऐसे हमें बच्चों के प्रति अपना प्यार और आभार व्यक्त करना चाहिए।
5- गलती पर बच्चों से जरूर मांगें माफी
आमतौर पर बड़े कभी अपने बच्चों से अपनी गलतियों के लिए माफी नहीं मांगते। हमें लगता है कि अगर हम गलती की माफी मांगेंगे तो हम बच्चों के सामने कमजोर दिखेंगे या फिर सम्मान खो देंगे, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आप बच्चों से गलती के लिए माफी नहीं मांगते तो वो भी इससे यही सीखते हैं। उन्हें लगता है कि बड़े गलती कर सकते हैं। ऐसे में अगर आप अपनी गलती की माफी मांगते हैं तो उनके अंदर भी ये भावना पैदा होगी और वो एक बेहतर इंसान बन पाएंगे।
6 – दूसरों के सामने ना करें शर्मिंदा
बड़ों को तरह बच्चे भी सम्मान की उम्मीद रखते हैं। बच्चों के मन को तब बहुत ठेस लगती है, जब उनके मां-बाप उनकी सबके सामने बुराई करते हैं। अगर बच्चे से कोई गलती हुई हो तो उसे दूसरों के सामने कभी नहीं डांटना चाहिए। इससे बच्चा शर्मिंदा हो जाता है और वह आपसे दूर होने लगता है।
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