Crime Story: यहां नाबालिग युवकों को मोबाइल उड़ाने की दी जाती है ट्रेनिंग

Crime Story: झारखंड राज्य में छोटी उम्र के युवकों को किताबी शिक्षा के बजाय शातिर चोर बनने की ट्रेनिंग दी जाती है।

Crime Story: देश के युवा देश का भविष्य होते हैं। युवकों की नाबालिग अवस्था में उन्हें जैसी शिक्षा दी जाती है वो उसी ढांचे में ढल जाते हैं। इस उम्र में अगर युवकों को गलत आदत की ट्रेनिंग दी जाए तो फिर क्या, वह अपराध की दुनिया के बादशाह बन जाते हैं। झारखंड राज्य में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला है। यहां छोटी उम्र के युवकों को किताबी शिक्षा के बजाय शातिर चोर बनने की ट्रेनिंग दी जाती है।

ट्रेनिंग के बाद किशोर चुराते हैं मोबाइल

झारखंड में तीन माह की ट्रेनिंग देकर किशोर उम्र के लड़कों को शातिर चोर बनाया जाता है। इसके बाद यह किशोर वाराणसी समेत और पूर्वांचल में मोबाइल सेट चुराते हैं। फिर चोरी मोबाइलों को झारखंड के तालझाड़ी, राजमहल आदि इलाकों में बेच दिया जाता है। जीआरपी कैंट ने गुरूवार को गिरोह के सरगना को गिरफ्तार कर 101 एंड्रायड मोबाइल और 1950 रूपये बरामद किया है। बरामद मोबाइलों की कीमत 30 लाख रूपये बताई गई है। गिरोह में अधिकतर चोर किशोर उम्र के हैं।

भीड़ वाले स्थान होते हैं टारगेट 

जीआरपी कैंट थाने में इंस्पेक्टर हेमंत सिंह ने इस का खुलासा किया। बताया कि चेकिंग के दौरान सर्कुलेटिंग एरिया से आरोपित को पकड़ा गया। वह गिरोह का सरगना और झारखंड का रहनेवाला है। इनके पास से अलग-अलग कम्पनियों के मोबाइल बरामद हुए हैं। गिरोह के किशोर शहर के भीड़भाड़ वाले स्थानों, सरकारी अस्पतालों, मंदिरों और रेलवे स्टेशनों पर मोबाइल चोरी करते हैं। इसके बाद तय स्थान पर इकट्ठा होते हैं और मोबाइल झारखंड पहुंचाते हैं। गिरोह में 12 किशोर शामिल हैं। यह सभी सुंदरपुर, खोजवां, कैंट, ककरमत्ता समेत अन्य क्षेत्रों में किराये के कमरे और सस्ते लॉज में अपना ठिकाना बनाते हैं।

सस्ते में बेचते हैं मोबाइल

पूछताछ में आरोपित ने बताया कि मोबाइल चोरी के लिए झारखंड के तालझाड़ी में किशोरों और युवाओं को ट्रेनिंग देकर भेजा जाता है। तालझाड़ी में दबिश देना पुलिस के लिए आसान नहीं है। यहां जाने के लिए तीन किमी के ताल को नाव से पार करना पड़ता है। उसने बताया कि उसके गिरोह के 12 किशोर मोबाइल चोरी करते हैं। चोरी के बाद झारखंड के तालझाड़ी, राजमहल थाना क्षेत्रों में तीन हजार रुपये में मोबाइल बेची जाती है। चोरी का मोबाइल झारखंड में एक मोबाइल डीलर दो हजार रुपये में खरीदता है। तालझाड़ी में जल्दी कोई पहुंच नहीं सकता है।

नाबालिग के आगे पुलिस भी बेबस

गिरोह का नेटवर्क इतना तगड़ा है कि पुलिस और जीआरपी की लोकेशन उनके पास होती है। यदि गिरोह का कोई सदस्य पकड़ा जाता हैं तो उसे छुड़ाने के लिए अधिवक्ता पहुंच जाते हैं। नाबालिग होने के कारण तुरंत जमानत मिल जाती है। चोरी के आईफोन के पार्ट्स अलग-अलग करके बेचे जाते हैं। 60 से 80 हजार के मोबाइल के पार्ट्स अलग-अलग करके बेचने पर 40 से 50 हजार रुपये मिलते हैं। आईफोन चोरी करने वाले को डीलर महज दो हजार रुपये देता है।

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