
Midnight Sleeping Side Effects: आज की इस भागती-दौड़ती दुनिया में बहुत कम लोग हैं जो अपने स्लिप साइकल को दुरुस्त रखने पर ध्यान देते हैं। रात में सोशल मीडिया स्क्रॉल करना, देर तक पढ़ाई करना नींद के चक्र को प्रभावित करता है। कई अध्ययनों से पता चला है कि नींद के चक्र से समझौता करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, फिर भी ज्यादातर लोग समय पर अपनी नींद पूरी करने पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं।
Midnight Sleeping Side Effects: क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, इससे मानसिक स्वास्थ्य और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ठीक रहते हैं। कई बार शोध से पता चला है कि समय पर सोने और पूरी नींद लेने से ऊर्जा के स्तर में सकारात्मक बदलाव आता है और मानसिक रूप से भी स्वस्थ महसूस होता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि नींद का पैटर्न खराब करने से अवसाद और तनाव का खतरा बढ़ जाता है।
पाचन तंत्र ख़राब हो सकता है
देर रात खाना खाने और जल्दी नींद न आने के कारण पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं कर पाता है। इससे एसिडिटी, कब्ज और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है
देर तक सोने से शरीर में इंसुलिन कम हो सकता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर बढ़ सकता है और मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है।
मोटापे का खतरा बढ़ जाता है
देर तक सोने से शरीर में लेप्टिन (भूख कम करना) हार्मोन का स्तर कम हो जाता है और ग्रेलिन (भूख बढ़ाना) हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। इससे खाने की आदत बढ़ती जाती है और मोटापे का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
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