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Obesity Control Tips: कमर के पास बढ़ती चर्बी और उभरे हुए तोंद से हैं परेशान तो काम आएंगे ये अचूक उपाय

Obesity Control Tips: कमर के आसपास जमा हुई चर्बी, उभरे हुए पेट न केवल सुंदरता ब‍िगाड़ते हैं बल्‍क‍ि‍ यह गंभीर बीमारियों के मुहाने पर पहुंचने के संकेत हैं। एम्स, दिल्ली व अन्य संस्थानों के एक नए शोध में यह बात सामने आई है।

Obesity Control Tips
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Obesity Control Tips: मैं बिलकुल फिट हूं, बस पेट थोड़ा निकल गया है। यदि आप यह सोच रहे हैं तो आज ही सचेत हो जाएं। भले ही आपको लगता है कि आप फ‍िट हैं तो बता दें कि आपके कमर के पास जमा हुई चर्बी और उभरा हुआ तोंद खराब हो रहे मेटाबोल‍िज्‍म का संकेत देते हैं। यह आपके पेट के भीतर इन्फ्लेमेशन यानी सूजन के लक्षण हो सकते हैं। बता दें कि यह यूं ही बना रहा और आपने इसे अनदेखा कर दिया है तो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों जैसे, मधुमेह, हड्डियों की कमजोरी, फर्टिलिटी (प्रजनन क्षमता), हृदय संबंधी रोग, कैंसर होने का कारण भी बन सकता है।

भारतीयों में आम है यह

शोध के अनुसार, सामान्य तौर पर भारतीयों में वजन बढ़ने की शुरुआत पेट उभरने या कमर के आसपास चर्बी जमा होने से होती है। इसलिए इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और नेशनल डायबिटीज़ ओबेसिटी एंड कलेस्ट्रोल फाउंडेशन तथा फोर्टिस सी-डाक हास्पिटल फार डायबिटी एंड साइंसेज़ ने मिलकर इस महत्वपूर्ण विषय पर शोध किया गया है।

इससे मोटापे के कारण होने वाली बीमारियों के समाधान में बड़ी मिल सकती है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वजन बढ़ने या मोटापा को सबसे गंभीर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में एक माना है। समय से पहले मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है मोटापा।

मोटापे की नई परिभाषा

उक्त शोध में कहा गया है कि मोटापे की पहचान के लिए केवल बीएमआई पर निर्भर रहना सही नहीं है। वास्‍तव में शरीर के दूसरे भागों में जमा हुई चर्बी जैसे, लीवर, हृदय या मांसपेशियों के आस-पास जमी बसा सेहत के लिए भारी नुकसानदेह है, जिसका पता बीएमआई से नहीं चल पाता। वहीं, शरीर में अतिरिक्त चर्बी वाले लोगों का बीएमआई हमेशा ऐसा नहीं होता कि वह यह बताएं कि आप वजनबढ़ने या मोटापे से ग्रस्त हैं।

बता दें कि बाडी मास इंडेक्स यानी बीएमआई की गणना कर किसी व्यक्ति के कुल वजन और लंबाई का अनुपात निकालकर मोटापा की मात्रा का अनुमान लगाया जाता है। साल 2009 में मोटापा की पहचान में इस गणना के इस्तेमाल का दृष्टिकोण सामने आया था। पर नवीन शोध में भारतीय आबादी के लिए मोटापे को फिर से परिभाषित किया है, जिसमें बढ़ी हुई बसा के आधार पर मोटापे को वर्गीकृत किया गया है।

क्‍या हैं इस शोध के महत्‍वपूर्ण तथ्‍य

  •  तोंद या कमर के आसपास की चर्बी मोटापे की पहली अवस्था है। यहीं नियंत्रण पा लें तो आप दूसरे फेज के मोटापे जो कि खतरनाक बीमारियों के कारण बन सकते है, उन्हें रोका जा सकता है।
  • नए फार्मूले के तहत अब वेस्ट सरकमफेरेंस, वेस्ट टू हाइट रेशियो, पेट की चर्बी को शामिल करने का नियम है।
    नए नियम में महिलाओं की कमर का साइज 80 सेंटीमीटर से ज्यादा है तो वह मोटापे की श्रेणी में माना जाएगा। वहीं, पुरुष की कमर की लंबाई 90 सेंटीमीटर से ज्यादा है तो यह बढ़ा हुआ वजन माना जाएगा।

स्ट्रेस प्रबंधन की कमी तो नहीं?

यदि तोंद बहुत बढ़ रही है तो यह खराब खानपान, बहुत कम सक्रिय होना, शारीरिक कसरत की कमी के साथ तनाव का भी बड़ा हाथ है। लोग डाइट में सुधार कर लें, फिजिकल एक्टिविटी भी बढ़ा लें पर यदि तनाव प्रबंधन का काम नहीं करते वजन पर नियंत्रण करना कठिन हो सकता है।

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मोटापे पर कंट्रोल के लिए इन बातों का रखें ध्यान

  • प्रयोग की गयी कैलोरी व उसकी खपत के बीच संतुलन की आदत डाल लें तो अधिक वजन और मोटापे को काफी हद तक रोका जा सकता है। यह उचित खानपान और शारीरिक सक्रियता से संभव है।
  • हर रोज खाने में फलों और सब्जियों के साथ-साथ फलियां, साबुत अनाज और मेवे की खपत बढ़ाएं।फल व सब्जियों की मात्रा चार सौ ग्राम हो तो बेहतर।
  • नमक, बसा व शर्करा के अतिरिक्त सेवन से बचाव के लिए संसाधित खाद्य पदार्थ के सेवन पर नियंत्रण रखें।
  • शारीरिक गतिविधि के स्तर को बढ़ाएं। कम से कम 30 मिनट की नियमित,मध्यम-तीव्रता वाली गतिविधि तक कसरत करें।
  • कुल ऊर्जा में बसा की मात्रा तीस प्रतिशत से कम रखें तो यह वजन नियंत्रण में सहायक है।
  • अनसेचुरेटेट फैट को अधिक रखें। यह मछली, एवेकाडो, नटस के साथ सूरजमुखी के तेल, सोयाबीन आदि में पाया जाता है।
  • सेचुरेटेड फैट बसायुक्त मांस, मक्खन, नारियल तेल, क्रीम, चीज, घी आदि में पाया जाता है तो ट्रांस फैट फ्रोजन पिज्जा, कुकीज, बिस्किट, स्प्रेड में जिनसे बचाव मोटापे पर नियंत्रण के लिए जरूरी है।

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सक्रियता के अवसर तलाशें

स्क्रीन टाइम कम करें। जहां तक संभव हो, पैदल चलने के उपाय तलाशें। तय समय में भी यह संभव है। वि‍कल्‍प हमेशा मौजूदहै,जैसे लंबे समय तक न बैठना, सीढ़ियों के प्रयोग और कुछ घरेलु कार्य स्‍वयं करके यह कर सकते हैं। दस हजार, आठ हजार कदम के चक्कर में न पड़ें। यदि पांच हजार भी रोजाना चल रहे हैँ तो यह लक्ष्य प्राप्ति में मददगार है।  ध्यान रहे मोटापे के कई कारण हैं पर इसमें सबसे अधिक भूमिका निभाता है हमारा खानपान और शारीरिक रूप् से सक्रिय रहने की दि‍नचर्या।

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