PCOS Solution: बांझपन से बचने के लिए घर पर ऐसे करें PCOS का उपचार

PCOS Solution: PCOS से अनिष्ट गर्भाशय गतिविधियाँ, बांझपन, अधिक बाल विकास, त्वचा समस्याएं, और दिल की बीमारियाँ जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

Polycystic ovary syndrome (PCOS) Solution: महिलाओं के शरीर में उम्र बढ़ने के साथ-साथ कई हार्मोनल परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इन परिवर्तन के चलते महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस दौरान महिलाएं किसी न किसी स्त्री रोग या प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुभव करती हैं। इनमें से ही एक पीसीओएस की समस्या है। यह एक ऐसा हार्मोनल विकार है जो कि अंडाशय में कई सिस्ट, अनियमित पीरियड साइकिल और प्रजनन होर्मोन का असंतुलन दर्शाता है। पीसीओएस महिलाओं के स्वास्थ्य और प्रजनन क्षमता के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण है। महिलाओं की इस परेशानी का इलाज आयुर्वेद में मौजूद है। आइए जानते है पीसीओएस से निजात कौन से है वे आयुर्वेदिक उपचार जो दिलाएंगे…

एक हार्मोनल विकार है PCOS

PCOS महिलाओं में होने वाला एक हार्मोनल विकार होता है। इसमें अंडाशय असामान्य रूप से पुरूष हार्मोन उत्पन्न करते हैं, जो सामान्य से अधिक होते हैं। इसका कारण हार्मोनल असंतुलन होता है जो अंडाशय के सामान्य विकास और अंडाशय से अंडा का निष्कासन प्रभावित कर सकता है। इसके परिणामस्वरूप, अंडाशयों में अल्सर बन सकता है। पीसीओएस के लक्षण में मासिक धर्म के असामान्यता, अंडाशयों की बड़ी आकार, अनियमित या अभावी ओवुलेशन, हाइपर अंड्रोजेनिस्म और वजन में वृद्धि शामिल हो सकती है।

PCOS से होता है बांझपन

पीसीओएस की वजह से अनिष्ट गर्भाशय गतिविधियाँ, बांझपन, अधिक बाल विकास, त्वचा समस्याएं, और दिल की बीमारियाँ जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। यह एक बहुत सामान्य हालत है और इसका प्रबंधन चिकित्सा, आहार, व्यायाम और जीवनशैली परिवर्तन के माध्यम से किया जा सकता है।

PCOS का समाधान

1. कंचनार

कंचनार की तासीर ठंडी होती है, यह कफ और पित्त को ठीक रखने में मदद करती है। इसके साथ ही कृमि, कुष्ठ, थायराइड संबंधी विकारों और व्रण को ठीक करता है. इसका फूल लघु रूक्ष है तथा रक्तप्रदर, क्ष्वेतप्रदर, क्षीणता तथा खांसी को दूर करता है।

2. गिलोय

गिलोय पीसीओएस के लक्षणों को रोकने में भी मदद करता है क्योंकि इस मामले में अंडाशय असामान्य रूप से उच्च स्तर के एण्ड्रोजन बनाते हैं। एण्ड्रोजन पुरुष सेक्स हार्मोन हैं, जो आम तौर पर महिलाओं में लघु मात्रा में होते हैं।

3. हल्दी 

हल्दी एक आम मसाला है जो हर दिन खायी जाती है। इसमें एक रसायन करक्यूमिन पाया जाता है। इसमें सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव भी दिखाई देते हैं। इसी वजह से हल्दी पीसीओएस में सूजन को कम करने, मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाने का काम करती है, यह भी वेट मैनेजमेंट में मदद करती है।

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