
Silent Heart Attack : सर्दियों में सीजनल बीमारी का खतरा बढ़ जाता है बढ़ जाता है। सर्दियों में से आ रही थी व्यायाम कम होने की वजह से इम्युनिटी कमजोर हो जाती है। जिस दिल की बीमारी के रोग बढ़ने लगते हैं। इस समय हार्ट अटैक और मधुमेह से पीड़ित लोगों का भी खास ख्याल रखना पड़ता है। आपने सुना होगा कि सर्दियों में हार्ट अटैक के मामलों में तेजी आ जाती है। ऐसे में इस मौसम में सेहतमंद रहने के लिए दिल की सही देखभाल की आवश्यकता होती है। आईए जानते हैं सर्दियों में हार्ट अटैक से बचने के लिए कैसे रखें ध्यान…
घातक है हार्ट अटैक का स्ट्रोक ( Silent Heart Attack )
हार्ट अटैक एक प्राणघातक बीमारी है, लेकिन समय पर सही इलाज मिलने पर पीड़ित व्यक्ति को बचाया जा सकता है। हालांकि लोग अक्सर हार्ट अटैक के लक्षणों को नहीं पहचान पाते, जिससे पीड़ित को गंभीर परिणामों का सामना करना पड़ता है। इसलिए, इस लेख में हम साइलेंट हार्ट अटैक, इसके कारण और लक्षणों के बारे में जानेंगे।
सर्दियों में साइलेंट हार्ट अटैक
सर्दियों के मौसम में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। यह दिल का ऐसा दौरा होता है जिसके लक्षण बहुत कम होते हैं।यह अटैक ऐसा होता है जिसे दिल का दौरा नहीं माना जाता। इस दौरे में सीने में दर्द या सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है, जो अमूमन दिल के दौरे से जुड़े हुए लक्षण होते हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षण बताने जा रहे हैं जिससे आप साइलेंट अटैक की पहचान कर सकते हैं।
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण
अपच
चक्कर आना
नींद न आना
पसीना आना
जी मिचलाना
सांस लेने में कठिनाई
लंबे समय तक थकान
पीठ या छाती की मांसपेशियों में खिंचाव
ज्यादा वजन बढ़ा सकता है मुश्किल
मोटापा बढ़ने से आता है स्ट्रोक
दिल पर ज्यादा वजन अनावश्यक तनाव पैदा कर सकता है, जिससे साइलेंट हार्ट अटैक जैसे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। मोटापा भी हाई ब्लड प्रेशर और हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है, जो दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर बन सकता है वजह
हाई ब्लड प्रेशर भी साइलेंट अटैक का कारण बन सकता है। दरअसल, उच्च बीपी दिल, आर्टरीज और अन्य आवश्यक अंगों पर दबाव डालता है, जिससे साइलेंट हार्ट अटैक की आशंका बढ़ जाती है।
कंट्रोल करें कोलेस्ट्रॉल
साइलेंट हार्ट अटैक भी कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर से हो सकते हैं। शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा खासतौर पर लो-डेंसिसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल) या ‘खराब’ कोलेस्ट्रॉल आर्टरीज में प्लाक बनाने में योगदान देती है, जो ब्लड फ्लो को रोकता है और साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा बढ़ाता है।