Home स्वास्थ्य /लाइफस्टाइल Skin Care Solutions in Homeopathy: प्रदूषण के कारण भी त्चचा हो रही...

Skin Care Solutions in Homeopathy: प्रदूषण के कारण भी त्चचा हो रही बीमार, पर होमियोपैथी में मिलेगी राहत

Skin Care Solutions in Homeopathy: त्वचा रोगों के कई कारण हैँ उनमें से एक कारण है प्रदूषण। त्वचा रोगों से बचाव में होमियोपैथी से कैसे मिल सकती है मदद, बता रही हैं होमियोपैथी चिकित्सक डाक्टर मधुलिका शुक्ला।

Skin Care Tips in Homeopathy
Skin Care Tips in Homeopathy

Skin Care Solutions in Homeopathy: त्वचा संबंधित रोगों के होने में प्रदूषण भी एक प्रमुख कारण है। आए दिन राकेट के माध्यम से उपग्रह भेजे जाते हैं तो इससे धरती के ऊपर ओजोन की परत खंडित होती है। ओजोन की परत खराब होने से अल्ट्रावायलेट किरणों का असर हमारी त्वचा पर भी पड़ रहा है। इससे त्वचा संबंधित रोगों के होने की संभावना प्रबल हो जाती है। इसके अलावा अनियंत्रित, अनियमित और असंतुलित भोजन भी त्वचा संबंधित रोग होने का कारण है। आइए कुछ त्वचा रोग और होमियोपैथी में उनके बचाव के बारे में बारें।

मुहांसे का रोग

कानपुर की मशहूर होम्योपैथिक डॉक्टर मधुलिका शुक्ला ने कई प्रकार के त्वचा संबंधित रोगों के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि मुहांसा एक आम त्वचा रोग है। इसमें त्वचा के नीचे के रोम छिद्र बंद हो जाते हैं। शरीर में मौजूद तेल त्वचा को सूखने से बचाता है। मृत त्वचा कोशिकाएं छिद्रों को बंद कर देती हैं और घाव होने लगते हैं। इसे आमतौर पर पिंपल कहा जाता है।

खुजली की बीमारी

वहीं, खुजली भी त्वचा का एक अन्य रोग है। इसके कई संभावित कारण हो भी हो सकते हैं। अधिकांश आम लोगों में एलर्जी, शुष्क त्वचा , गर्भावस्था और किसी दवा के कारण शरीर की प्रतिक्रिया है। अगर खुजली छह सप्ताह या उससे ज़्यादा भी समय तक बनी रहती है, तो खुजली पुरानी हो सकती है।

यह भी पढ़ें- ब्रेस्ट में हो गांठ तो करा लें समय पर इलाज, न रहेगा कैंसर का खतरा

मेलास्मा व अन्य समस्याएं

मेलास्मा एक त्वचा की स्थिति है जिसमें भूरे या नीले-भूरे रंग के धब्बे या झाई जैसे धब्बे होते हैं। दूसरी ओर मेलास्मा का रोग त्वचा का रंग बनाने वाली कोशिकाओं के ज्यादा उत्पादन के कारण ही होता है। इसी तरह से सोरायसिस का रोग एक बहुत तेजी से होने वाली प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होता है। यह रोग सूजन और त्वचा कोशिका वृद्धि चक्र को साइज में कम कर देता है। प्लाक आमतौर पर कोहनी, घुटनों, पीठ, चेहरे, हथेलियों, पैरों और खोपड़ी पर होते हैं लेकिन वे कहीं भी दिखाई दे सकते हैं।

यह भी पढ़ें- इनकी अनदेखी बन सकती है जान की आफत, उच्च रक्तचाप से कैसे बचें?

फंगल का संक्रमण

अगर फंगल संक्रमण या माइकोसिस रोग की बात करें तो यह फंगस (यीस्ट या मोल्ड) के कारण होता है। फंगल संक्रमण त्वचा या नाखूनों पर होना सबसे आम बात है, लेकिन फंगस मुंह, गले, फेफड़ों और शरीर के कई अन्य हिस्सों में भी संक्रमण पैदा कर सकता है। होम्योपैथिक उपचार से इन सभी प्रकार के रोगों को जड़ से खत्म किया जा सकता है। पर इसके लिए सही लक्षण बताने के साथ जरूरी जांच कराना जरूरी है ताकि सही दिशा में इलाज हो सके।

यह भी देखें- 

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News , Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजातरीन खबर।

Exit mobile version