Stop Sleeping While Studying: क्या आपका बच्चा भी पढ़ाई के दौरान किताबें उठाते-उठाते सो जाता है? यह समस्या सिर्फ बच्चों में ही नहीं बल्कि बड़ों में भी देखी जाती है। वे चाहकर भी पढ़ नहीं पाते। अगर आपके या आपके किसी जानने वाले के साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है, तो जानें इसका कारण और कैसे आप इस समस्या से बच सकते हैं। दरअसल, जब हम पढ़ाई करते हैं तो आंखों से जुड़ी मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है। हमारा मस्तिष्क पढ़ी हुई बातों को एकत्रित करता रहता है और याद रखता रहता है। जब आंखों की मांसपेशियां थक जाती हैं या धीरे-धीरे काम करने लगती हैं तो नींद आती है। कई बार पढ़ाई करते समय हमारे बैठने का तरीका गलत हो सकता है और हमें नींद आ सकती है।
Stop Sleeping While Studying: अगर पढ़ाई करते समय नींद आ जाए तो क्या करें?
- कभी भी बिस्तर पर बैठकर न पढ़े
कुछ लोग बिस्तर पर बैठकर पढ़ाई करते हैं। ऐसा करने से आलस्य और नींद आने लगती है। जिससे आपका पढ़ने में बिल्कुल भी मन नहीं लगेगा। इसलिए जब भी पढ़ाई करें तो मेज-कुर्सी पर ही करें।
- पढ़ाई से पहले हल्का खाना ही खाएं
ज्यादा खाने के बाद सुस्ती और नींद आना स्वाभाविक है। ऐसे में जब भी आप खाना खाएं तो तुरंत पढ़ाई करने न बैठ जाएं। पढ़ाई से पहले हल्का और आसानी से पचने वाला खाना खाएं। इससे नींद नहीं आएगी।
- अंधेरे में पढ़ाई न करें
जब भी आप पढ़ने बैठें तो ऐसी जगह चुनें जहां पर्याप्त रोशनी हो। इससे आंखों पर कम असर पड़ेगा और आप कम रोशनी वाली जगह पर बैठने से भी बच जाएंगे। अंधेरे में पढ़ाई करने से नींद आ सकती है।
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- केवल खुली जगह पर ही पढ़ें
छत या बालकनी जैसी खुली जगहों पर हवा और रोशनी बहुत अच्छे से आती है। इसलिए ऐसे स्थानों पर अध्ययन करना चाहिए।
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