
Turmeric Purity Test Video: चाहे रंग बनाना हो, खाना या उबटन भारतीय रसोई में हल्दी को विशेष प्यार मिला है। पूजा पकवान में इसके बिना काम नहीं चलता। खाने की खुशबू हो या रंगत हल्दी न हो तो कैसे बने बात। आयुर्वेद की बात करें तो इसमें औषधि का दर्जा मिला है। सोचिए हल्दी मिलावटी हो तो यह कितना नुकसान कर सकती है। कभी कभी तो यह जानलेवा भी साबित हो सकती है।
पर बाजार में फायदे के लिए दुकानदार हल्दी का रंग और गहरा करने के लिए इसमें जो हानिकारक रसायन तक मिला देते हैं। इससे कई जानलेवा बीमारियां तक होने की आशंका होती है। मिलावटी हल्दी से बचने के लिए कई बार हम खुद हल्दी को अपने सामने पिसवाते हैं, लेकिन कई बार दुकानदार खराब क्वॉलिटी या फिर जंगली हल्दी हमें बेच देते हैं। और हम इसे शुद्ध समझकर मात खा जाते हैं।रसोई में जो हल्दी का प्रयोग रहा है वह असली है फिर नकली और मिलावटी, आइए इन उपायों से करें पहचान…
ऐसे पहचाने असली और नकली हल्की..
- एक चुटकी हल्दी को अंगूठे से 20 सेकंड तक मसलकर देखें। यदि वह हल्दी असली होगी तो अंगूठे में चिपक जाएगी। हाथ पर पीला दाग भी पड़ जाएगा। इसके उलट नहीं हुआ यानी अंगूठे पर नहीं चिपकी तो वह नकली हल्दी है।
- एक ग्लास में गरम पानी लें और उसमें एक चुटकी हल्दी डाल लें। उसमें उस पाउडर को 10-15 मिनट तक पड़ा रहने दें। यदि हल्दी तली में बैठ जाती है तो वह असली है। अगर ऊपर ही बनी रहती है और गहरा पीला रंग छोड़ती है तो नकली है।
- एक चम्मच हल्दी को पानी में डालें। तुरंत रंग घुलकर निकलने लगें तो इसमें खतरनाक रसायन लेड क्रोमेट मिला हो सकता है। असली हल्दी का रंग पीला तो होगा लेकिन मिलावटी हल्दी गहरा पीला रंग छोड़ती है।
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