Child Care Tips: बच्चों की पढ़ाई के लिए मां-बाप शुरू से ही फिक्रमंद होते हैं और हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़ाई करें. कई बार ऐसा होता है कि कुछ बच्चे पढ़ाई में बेहद कमजोर होते हैं और माता-पिता बच्चों को कोसते रहते हैं.
जब भी बच्चा पढ़ने में कमजोर होता है तो माता-पिता स्कूल के शिक्षकों को इसका कसूरवार ठहराते हैं. पेरेंट्स को समस्या का असली वजह पता नहीं होता. अब वैज्ञानिकों ने इसके पीछे का असली कारण खोजा है कि बच्चे बचपन से ही पढ़ने में कमजोरी या तेज क्यों होते हैं.
रिसर्च में बच्चों को लेकर हुआ बड़ा खुलासा(Child Care Tips)
वैज्ञानिकों ने इसको लेकर दावा किया है कि जिन बच्चों पर बचपन में ट्रैफिक के धुएं का ज्यादा असर होता है उनका दिमाग कमजोर हो जाता है और बच्चों के एकाग्रता में कमी आ जाती है. ऐसे बच्चे एकाग्रचित होकर पढ़ नहीं पाते. वैज्ञानिक कौन है इसके लिए नाइट्रोजन डाइऑक्साइड को जिम्मेदार माना है.
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में एक शहर के 17000 महिलाओं और बच्चों के ऊपर इस डाटा का उपयोग किया. इस रिसर्च में गर्भावस्था और बचपन में 6 साल के दौरान नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का जोखिम का अनुमान लगाया गया. इस रिसर्च में पता चला है कि आमतौर पर गाड़ियों से निकलने वाले धुएं ईंधन तेल घरों को गर्म करने के लिए प्राकृतिक गैस कोयला आदि से निकलने वाले धुएं को जिम्मेदार माना है.
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पेरेंट्स को इन बातों पर देना चाहिए ध्यान
भारत के बच्चे बस या प्राइवेट बस आदि से स्कूल जाते हैं.नर्सरी से लेकर 12वीं तक के बच्चों को गाड़ियों से भेजने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. अधिकतर बच्चों का ज्यादा टाइम ट्रैफिक में बीत जाता है और इस दौरान बच्चे पर गाड़ियों से निकलने वाले धुँआ का गलत प्रभाव होता है और बच्चे पढ़ने में कमजोर हो जाते हैं.
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