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World Hypertension Day: हाइपरटेंशन को हल्के में लेना पड़ेगा भारी, आज ही सजग हो जाएं तो बेहतर

World Hypertension Day: हर वर्ष 17 मई को मनाया जाता है हाइपरटेंशन डे यानी उच्‍च रक्‍तचाप दिवस। आइए इस मौके पर इस बीमारी के बारे में विस्‍तार से जानें।

World Hypertension Day
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World Hypertension Day:  निरंतर भागभाग, काम से फुर्सत नहीं। नहीं है तय सोने या जगने का समय। खाना क्‍या खा रहे हैं कुछ पता नहीं। इंस्‍टेंट फूड यानी झटपट खाना बनाने का चलन हाइपरटेंशन होने का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। ऐसा कैसे, तो बता दें कि ऐसे खानपान जो बाहर से मंगाए जाते हैं या डिब्‍बा बंद फूड या पेय पदार्थों में नमक की मात्रा ज्‍यादा होती है। खानपान में उचित मात्रा से अधि‍क नमक का सेवन उच्‍च रक्‍तचाप को बढ़ावा देता है और यही चुपके से हाइपरटेंशन को आसानी से बुलावा दे देता है। प्रस‍िद्ध न्‍यूरोसर्जन डॉक्‍टर पंकज कुमार झा से विस्तार से जानते हैं कैसे आप टेंशन और हाइपरटेंशन से मुक्ति यानी छुटकारा पा सकते हैं।

अकाल मृत्‍यु का प्रमुख कारण

क्‍या आपको पता है कि अकाल मृत्‍यु का प्रमुख कारण यदि दुनिया में सबसे बड़ी वजह है तो वह है उच्च रक्तचाप। साथ ही, भारत में 63 प्रतिशत मौतें गैर-संचारी बीमारी के कारण होती हैं। पर कुल मौतों में 27 प्रतिशत हाइपरटेंशन के कारण होती हैं। यानी हमें इस बीमारी से संभलकर रहने की आवश्‍यकता है।

ये होते हैं लक्षण

यदि आपको सिरदर्द होता है, लगातार यह बना रहता है, साथ में चक्‍कर आ रहे हैं, धड़कन बढ़ा हुआ रहता है तो समझ लें कि यह जोखिम है उच्‍च रक्‍तचाप का। आपको यह ध्‍यान रखना है कि जांच कराकर इसकी पहचान करें और लगातार कुछ दिन उच्‍च रक्‍तचाप बना रहे तो हाइपरटेंशन हो सकता है।

यदि आप रोजाना रक्तचाप की दवा ले रहे हैं तो उसे बीच में न छोड़ें। साथ ही परि‍वार को किसी को उच्‍च रक्‍तचाप है तो इसकी जांच आप भी करा लें।

अनि‍यंत्रित रक्‍तचाप रहे तब

यदि आप रक्तचाप अनियंत्रित रहने लगे तो दिल और हमारी रक्त वाहिकाओं को गंभीर क्षति हो सकती है। आपका किडनी और लिवर भी इससे गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है। बता दें कि हमारा सामान्य रक्तचाप एक सौ बीस ऊपर व अस्सी नीचे होना चाहिए। पर हाइपरटेंशन है तो आपको यह एक सौ चालीस ऊपर व नीचे नब्बे कम से कम नजर आएगा। जब ऐसा पाएं तो तुरंत चिकित्‍सक से मिलें और उचित उपचार का प्रबंध करें।

 मोटापा बन रहा है आफत

अधि‍क बसा वाला खाना, नमक से भरा स्‍वाद वाला भोजन आप लगातार ले रहे हैं या आपके जीवनशैली का हिस्‍सा बन चुका है तो यह मोटापा को बढावा दे सकता है। वास्‍तव में यह आम चलन बन चुका है और मोटापा आफत बनती जा रही है। यह एक बड़ा जोखिम होता है हाइपरटेंशन का। दरअसल, मोटापा से रक्‍तचाप के बढ़ने की आशंका प्रबल होती है और यह एक दिन हाइपरटेंशन बन जाता है।

परिश्रम से जी न चुराएं

यदि खानपान से बहुत अधि‍क नमक ले रहे हैं तो इसका उपाय है कि आप परिश्रम वाले काम करें। इससे खाने से शरीर में जमा नमक पसीने के माध्‍यम से बाहर आ जाएगा। कसरत या परिश्रम करने की आदत डालें, तो उच्‍च रक्‍तचाप का जोखिम कम हो सकता है। उच्‍च रक्‍तचाप कम होने से हाइपरटेंशन भी कहां रह सकेगा।

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तनाव प्रबंधन की कला

तनाव जीवन का अहम हिस्‍सा बन गया है। कोई वर्ग इससे नहीं बचा। जिसे देखो कहता है स्‍ट्रेस बहुत है। आपको तनाव से दूर रहने कहें तो यह व्‍यावहारिक नहीं पर आपको जरूरी है कि इसका प्रबंधन करना सीखें। छोटी छोटी बातों को दिल पर न लें। योग ध्‍यान को जीवन में शामिल करने का संकल्‍प लें।

शरीर पर न लें लोड

हमारा शरीर हर संकट के लिए चेतावनी देता है। हम इंसान इसे नजरअंदाज कर देते हैं और खतरनाक बीमारी को दावत दे देते हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सर्वेक्षण की मानें तो देश में लगभग 33 प्रतिशत शहरी और 25 प्रतिशत ग्रामीण आबादी को उच्च रक्तचाप (हाई बीपी) का जोखिम लिए हुए हैं। इसलिए शरीर पर अधिक लोड न दें। न तनाव का न ही दिनचर्या में की जाने वाली लापरवाही का।

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