World Paediatric Bone and Joint Day: यदि आपको लगता है कि जोड़ों की समस्या या हड्डी से जुड़ी समस्या बुजुर्गों की है तो आप गलत हैं। वास्तव में बढ़ी उम्र में यदि आपने इस पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया तो इसके आगे जाकर कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। चाइल्ड PGI, सेक्टर 30,नोएडा के शिशु अस्थि रोग विभाग में चिकित्सकों ने अपनी स्थापना के नौ साल पूर्ण होने के अवसर यह बात कही।
बता दें कि यह दिन यानी 19 अक्टूबर वर्ल्ड पीडियाट्रिक व ज्वाइंट डे भी है। इस अवसर पर शिशु अस्थि रोग विभाग के चिकित्सकों ने वे उपाय बताए जिनकी मदद से बच्चों की समस्याओं का निदान और बचाव संभव है। उनके अनुसार यदि समय पर बच्चों में हड्डी एवं जोड़ में होने वाली बीमारियों और विकृतयों का इलाज नहीं किया गया या पर्याप्त ध्यान नहीं दिया तो इसके लिए सर्जरी ही उपाय बचता है। बता दें जोड़ों में बीमारी के लक्षण छोटी उम्र में नहीं दिखाई देते, 40-50 वर्ष की उम्र तक यह समस्या आपको बड़ी मुसीबत में फंसा सकता है।

भ्रांतियों पर हुई चर्चा
वर्ल्ड पीडियाट्रिक व ज्वाइंट डे पर डाक्टरों ने जो कार्यक्रम आयोजित किए वह दरअसल, एक जन जागरुकता कार्यक्रम बन गया। इसमें बच्चों की हड्डी के स्वास्थ्य से जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया गया। इस कार्यक्रम में 100 से ज्यादा बच्चे और उनके अभिभावक भी मौजूद रहे। डॉक्टरों ने बताया कि कैसे समय रहते जागरुक रहकर बच्चों को इस गंभीर समस्या से दूर रखा जा सकता है। इसमें जो सबसे बड़ी बाधा है वह है बच्चों की खानपान की आदतें। जंक फूड जिसमें मैदा भरपूर रहता है और साथ में इसमें उपयोगमें आने वाली सामाग्री अधिकांश चिकनाई लिए होती हैं उनमें पोषक तत्वों का अभाव बच्चों को बड़ा नुकसान करता है।

नियमित उपयोग करने से वे कैल्सियम प्रोटीन व विटामिन से दूर होने लगते हैं। वे बीमार रहने लगते हैं और अर्थराइटिस के लक्षण तेजी से उभरने लगते हैं। ऐसे बच्चे बड़े होते होते बड़ी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
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विस्तार से हुई चर्चा
इस कार्यक्रम में बताया गया कि संतुलित आहार के अभाव में पहले ही बच्चे कैल्सियम कम ले पाते हैं। बता दें कि विटामिन डी कैल्सियम के अवशोषण के लिए आवश्यक होता है। इसकी कमी शरीर को कैल्शियम से भी दूर कर सकती है। हड्डी के स्वास्थ्य के लिए यह दोनो अनिवार्य तत्व हैं। बता दें कि इस जन जागरुकता कार्यक्रम में बच्चों की हड्डी से जुड़े स्वास्थ्य पर विस्तार से चर्चा की गयी।
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एक सार्थक कार्यक्रम
यह कार्यक्रम एक सार्थक व उपयोगी रहा। इसकी अध्यक्षता संस्थान के माननीय निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर ए के सिंह ने की। उन्होंने बच्चों का प्रोत्साहन करने के साथ-साथ उन्होंने उपहार भी दिया। कार्यक्रम का संचालन शिशु अस्थि रोग विभाग प्राध्यापक डॉ अंकुर अग्रवाल ने किया। यहां चुन-मुन जोकर ने बच्चों को खूब हंसाया। बच्चों ने उनके साथ सेल्फी भी ली।
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