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Brahma Kumaris Global Summit: समाज व विश्‍व को देखने का सकारात्‍मक दृष्टिकोण देता है अध्‍यात्‍म, वैश्‍विक शिखर सम्‍मेलन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिया यह खास संदेश

Brahma Kumaris Global Summit:  राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने माउंट आबू ब्रह्माकुमारी संस्थान के शांतिवन में वैश्विक शिखर सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस दौरान मुर्मु ने विश्व शांति, अध्यात्म, ग्लोबल वार्मिंग आदि पर कई महत्‍वपूर्ण बातें कहीं।

Brahma Kumaris Global Summit, Draupadi Murmu
Brahma Kumaris Global Summit, Draupadi Murmu

Brahma Kumaris Global Summit:  माउंटआबू के शांतिवन में आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन में राष्‍ट्रपति ने केंद्र सरकार की योजनाएं स्वच्छ भारत मिशन, जल जीवन मिशन और आयुष्मान भारत योजना की सराहना की। इसके पूर्व वे सुबह मान सरोवर परिसर में एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पौधारोपण कर 140 करोड़ देशवासियों से पौधारोपण का आहृान किया।

आध्यात्मिकता द्वारा स्वच्छ ए‌वं स्वस्थ समाज विषय पर आयोजित सम्मेलन में संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि आज विश्व के अनेकों हिस्सों में अशांति का वातावरण व्याप्त है। मानवीय मूल्यों का हृास हो रहा है। ऐसे समय में शांति और एकता की महत्वता और अधिक बढ़ रही है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि शांति हमारे मन की गहराई में स्थित होती है। जब हम शांत होते हैं, तभी हम दूसरों के प्रति सहानुभूति और प्रेम का भाव रख सकते हैं। इसलिए मन, वचन, कर्म सबको स्वच्छ रखना होगा। आध्यात्मिक मूल्यों का तिरस्कार करके केवल भौतिक प्रवृत्ति का मार्ग अपनाना अंतत: विनाशकारी सिद्ध होता है।

Brahma Kumaris Global Summit, Draupadi Murmu
Brahma Kumaris Global Summit, Draupadi Murmu

कर्मों का सुधार

राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि आध्यात्मिकता का मतलब धार्मिक होना या सांसारिक कार्य का त्याग करना नहीं है। आध्यात्मिकता का अर्थ है अपने भीतर की शक्ति को पहचानकर अपने आचरण और विचारों में शुद्धता लाना है। कर्मों का त्याग करके नहीं कर्मों का सुधार कर ही बेहतर इंसान बन सकता है। विचारों और कर्मों में शुद्धता जीवन के हर क्षेत्र में संतुलन और शांति लाने का मार्ग है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए भी यह आवश्यक है। स्वच्छ और स्वस्थ शरीर में ही पवित्र अंत:करण का वास होता है।

स्वच्छता केवल बाहरी वातावरण में नहीं बल्कि हमारे विचारों और कर्मों में भी होना चाहिए। हम परमात्मा की संतान हैं। परमात्मा की तरह हम भी विचित्र हैं। हम स्वच्छ और शुद्ध थे लेकिन यहां पर आकर हमने अपने आप को दाग लगाया। काम, क्रोध, लोभ, मोह, हिंसा से हमारी आत्मा पर विकारों की मैल चढ़ गई है, जिसे शुद्ध बनाए जाने की जरूरत है। जब आत्मा शुद्ध होगी तो सब शुद्ध हो जाएगा। अगर हम मानसिक और आत्मिक रूप से स्वच्छ नहीं हैं तो हमारी स्वच्छता निश्फल रहेगी।

अध्यात्म से जुड़ाव

राष्ट्रपति मुर्मु ने इस वैश्विक सम्‍मेलन में कहा कि भारत प्राचीन समय से ही आध्यात्मिक क्षेत्र में विश्व समुदाय का मार्गदर्शन करता रहा है। मेरी कामना है कि ब्रह्माकुमारी जैसे संस्थान भारत की इस पहचान को और मजबूत बनाने का काम करें। भौतिकता हमें क्षणिक सुख देती है, यह हम सब जानते हैं। जिसे हम असली सुख समझकर उसके मोह में पड़ जाते हैं। यही मोह हमारे दुख व असंतुष्टी का कारण बन जाता है। दूसरी ओर अध्यात्म हमें अपने आप को जानने का, अपने अंतर्मन को पहचानने का अवसर देता है। अध्यात्म से जुड़ाव हमें समाज और विश्व को देखने का एक अलग सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है। यह दृष्टिकोण हमें प्राणियों के प्रति दया और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता का भाव उत्पन्न करता है। आध्यात्मिकता न केवल व्यक्तिगत विकास का साधन है, बल्कि समाज में सकारात्मकता लाने का मार्ग भी है।

राष्ट्रपति ने इन विषयों पर भी रखे विचार

 

ग्लोबल वार्मिंग…

मुर्मु ने कहा कि विश्व ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण की समस्याओं से जूझ रहा है। मनुष्यों को यह समझना चाहिए कि वह इस धरती का स्वामी नहीं है। बल्कि पृथ्वी के संरक्षण के लिए जिम्मेदार है। हम ट्रस्टी हैं, हम ऑनर नहीं हैं। इसलिए ट्रस्टी के रूप में इस धरती, इस प्लेनेट को हम लोगों को उसी दिशा में संभालना है, आगे बढ़ाना है। हमें विवेक से इस गृह की रक्षा करनी है। पापुलेशन बढ़ रही है उसी हिसाब से पेड़-पौधे काटे जा रहे हैं। आज मैंने भी मान सरोवर परिसर में एक पेड़ लगाया है। राष्ट्रपति भारत सरकार ने 140 करोड़ लोगों से अनुरोध किया है कि अपनी मां के नाम पर या अपने जन्मदिन पर हर साल एक पेड़ जरूर लगाएं तो परिस्थिति सुधरती है।

प्राकृतिक व यौगिक खेती पर…

राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार देशवासियों के लिए स्वच्छ मन और तन के लिए कई प्रयास कर रही है। यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि सरकार द्वारा जीवामृत और प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्राकृतिक खेती से स्वच्छ अन्न, स्वस्छ अन्न से स्वच्छ मन की कड़ी बनती है। जैसे ब्रह्माकुमार भाई-बहन यौगिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने हैं और खुद भी यौगिक खेती करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि जैसा अन्न, वैसा मन। आप जैसा अन्न खाएंगे, वैसी ही मानसिकता बनेगी।

स्वच्छ भारत व जन जीवन मिशन पर…

भारत सरकार देशवासियों के स्वच्छ और स्वस्थ जीवन के लिए अनेक प्रयास कर रही है। स्वच्छ भारत मिशन के हाल ही में दस वर्ष पूरे हुए हैं। इस मिशन ने समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई है। जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर में स्वच्छ जल मुहैया कराने का संकल्प लिया गया है। 78 फीसदी से अधिक ग्रामीण घरों में नल से स्वच्छ जल पहुंचाया जाता है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि स्वच्छ जल न केवल स्वच्छता बल्कि संपूर्ण शरीर के लिए आवश्यक है। पिछले महीने में 70 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत के तहत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला लिया गया है। इन प्रयासों को सफल बनाने में जन भागीदारी का महत्वपूर्ण स्थान है।

ब्रह्माकुमारी को लेकर

ब्रह्माकुमारी जैसे संस्थानों की आध्यात्मिक संस्थानों की योग और आध्यात्मिक शिक्षा हमें आंतरिक शांति का अनुभव कराती है। यह शांति न केवल हमारे भीतर, बल्कि पूरे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की क्षमता रखती है। इस वैश्विक शिखर सम्मेलन में बहुत सारे सत्र आएंगे, जिससे विश्व को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने में बहुत लाभदायक होगा। इन सत्रों से विश्व शांति के नए रास्ते निकल कर सामने आएंगे। जब हम अपने भीतर की स्वच्छता का पहचान पाने में सक्षम होंगे तभी हम एक स्वच्छ-स्वस्थ समाज के निर्माण में अपना योगदान दे पाएंगे। ब्रह्माकुमार भाई-बहनें समाज को स्वच्छ-स्वस्थ और विश्व शांति का प्रयास कर रहे हैं। ये प्रयास 1937 से जारी है। मुझे लगता है एक दिन जरूर िवश्व का परिवर्तन होगा। आप चट्‌टान की तरह हो। विश्व को शांति लाने, परिवर्तन लाने में आपका प्रयास जरूर सफल होगा।

ब्रह्माकुमारी से किया आहृान

ब्रह्माकुमारी जैसे संस्थानों से यह अपेक्षा की जाती है कि आध्यात्मिकता के बल पर लोगों को स्वच्छ और स्वस्थ जीवन जीने के लिए जागरूक करते रहेंगे। आध्यात्मिकता हमारे निजी जीवन को ही नहीं बल्कि समाज व धरती से जुड़े अन्य मुद्दों जैसे सस्टेनेबल डवलपमेंट, इन्फॉर्मेंटल कन्जर्वेशन और सोशल जस्टिस को भी शक्ति प्रदान करती है। अन्न, जल और वायु की शुद्धता से समग्र जीवन शुद्ध और स्वच्छ हो जाता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने संत कबीर के एक दोहे को कोट करते हुए कहा कि बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय, जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय। जब हम दूसरों की परिस्थिति में खुद को रखकर देखेंगे, तभी सही राय बन पाएगी।

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राज्यपाल का भाषण

राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ किसनराव बागड़े ने कहा कि यहां आकर आज बहुत आनंद की अनुभूति हो रही है। आध्यात्मिक होने का अर्थ है कि हम अपने आप को जानते हुए कार्य करें तो सब सफल होगा। ब्रह्माकुमारी बहुत ही अच्छे विषय पर वैश्विक शिखर सम्मेलन आयोजित कर रही है। समाज में नैतिकता का पतन हुआ है। आध्यात्मिकता व्यक्तिगत विकास के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय संस्कृति में व्यक्तिव विकास, जीवन की स्वच्छता, विचारों की स्वच्छता पर जोर दिया गया है। भारतीय संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् पर आधारित है। सभी सुखी रहें, सभी निरोग रहें। यह सम्मेलन समाज में व्याप्त कुरुतियों को दूर करने, अध्यात्म का संदेश देने में बहुत महत्वपूर्ण साबित होगा। आध्यात्म का मार्ग संतुलन से जुड़ा है। भारतीय संस्कृति का सबसे मजबूत पक्ष है सुरक्षा, संरक्षा और सहयोग। सम्मलेन में होने वाले सार्थक सत्र के लिए बधाई शुभकामनाएं।

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इन्होंने भी रखे अपने विचार-

  • अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी मोहिनी दीदी ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति यह संकल्प लें कि हम अपने जीवन में दिव्य गुणों की धारणा करेंगे। परमात्मा इस धरा पर विश्व शांति की स्थापना का कार्य कर रहे हैं।
  • अतिरिक्त मुख्य प्रसाशिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी ने कहा कि अभी हम नवरात्र में देवियों की पूजा कर रहे हैं। शिव शक्ति ही दुनिया में स्वस्थता, स्वच्छता और शांति स्थापन कर सकती हंै।
  • संस्थान के महासचिव राजयोगी बृजमोहन भाई ने कहा कि आज विश्व के हालत अच्छे नहीं हैं, ऐसे में यह सम्मलेन विश्व को शांति, अध्यात्म और एकता का संदेश देगा।
  • कार्यकारी सचिव डॉ. मृत्युंजय भाई ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि राष्ट्रपति का नारी शक्ति के रूप में आज दूसरी बार मुख्यालय शांतिवन आगमन पर हार्दिक स्वागत है। संचालन बीके शिविका बहन ने किया। इस मौके पर देश-विदेश से आए पांच हजार से अधिक लोग मौजूद रहे।तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Google News , Twitter और YouTube पर फॉलो करें।Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजातरीन खबर।