Rajyoga Meditation: राजयोग की शक्‍त‍ि से मिलेगी समस्‍याओं पर विजय, रोज करें मन की सफाई

Rajyoga Meditation: मेडिटेशन किसी महात्मा, किस साधु या संत की पर्सनल प्रॉपर्टी नहीं है। योग को दिनचर्या में अपनाकर साधारण व्यक्ति भी असंभव को कर सकता है संभव। योग की शक्‍त‍ि‍ से हम अपनी सभी समस्याओं पर विजय पा सकते हैं।

Rajyoga Meditation: यह सर्वव‍िदित है कि शक्तियां हमारे विचारों में है। संकल्‍प में है। हमारा संकल्‍प जितना शक्‍ति‍शाली होगा, कार्य की पर‍िणत‍ि भी उतनी सशक्‍त होगी। राजयोग इन्‍हीं शक्‍त‍ि‍यों का संचार कर देता है। इससे दर्द व बीमारियों में भी आराम मिलता है। हमारे मन के विचार का शरीर, जीन, संबंधों, मन, प्रकृति और वातावरण पर गहरा प्रभाव पड़ता है। हमारे नकारात्मक विचार ही हैं, जिनकी वजह से आज हार्ट अटैक, कैंसर, थायराइड, डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर, शुगर जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। व्यक्ति अगर अपने संकल्प और लक्ष्य के बीच अच्‍छी तरह तालमेल बैठा ले तो उसकी सफलता को कोई रोक नहीं सकता। ये सभी मूल्‍यवान उद्गार जीबी पंत अस्‍पताल में कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर और मोटिवेशनल स्पीकर डॉक्टर मोहित गुप्ता ने रखे। 

आंतर‍िक शक्‍त‍ि‍यों के बल पर

ब्रह्माकुमारीज़ संस्था नोएडा आर..आर.एफ. और ब्रह्माकुमारीज़ आई.टी. विंग की ओर से नोएडा एक्सटेंशन के सर्वोत्तम इंटरनेशनल स्कूल के ऑडिटोरियम में 29 सितंबर की सुबह एक ख़ास कार्यक्रम लीडींग विथ इनर पॉवर्स का आयोजन किया गया। यह विशेष कार्यक्रम आईटी प्रोफेशनल और कॉर्पोरेट सेक्टर से जुड़े व्यवसायियों और एम्पाइल्ज़ के लिए रखा गया था। जिसमें मुख्य वक्ता मोटिवेशनल स्पीकर और जीबी पंत हॉस्पिटल नई दिल्ली के कार्डियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ मोहित गुप्ता ने सभी को राजयोग के महत्व और उसके शरीर व मन पर पड़ने वाले साइंटिफिक प्रभाव को सिद्ध करके बताया। 

रोज मन की सफाई है जरूरी

मैनिफेस्टेशन, विजयुलाइजेशन, अफर्मेशन और राइट थिंकिंग पैटर्न को अपनाकर हर कोई अपने जीवन को सुंदर बना सकता है। जैसे घर की सफाई रोजरोज करते है वैसे मन की सफाई यानि गुस्सा, नफरत, इर्ष्या, कॉम्पिटिशन, क्रिटिसिज्म जैसी भावना को साफ करना भी रोजाना जरूरी है। ब्रह्माकुमारीज़ का राजयोग मेडिटेशन मन को पवित्र बनाने में मददगार है। मन की सफाई ही अध्यात्म है। करुणा, दया, प्रेम भावना को बढ़ाकर हम मन को दुरुस्त कर सकते है। आपने कहा कि राजयोग का प्रयोग मैंने स्वयं के शरीर पर किया जब में मस्तिष्क और शरीर की कई बड़ीबड़ी बीमारियों से जूझ रहा था लेकिन सकारात्मक विचारों और राजयोग की शक्ति से मैंने इन बीमारियों पर विजय पाई।

जीवन जीने की कला

इस कार्यक्रम में आईटी विंग के नार्थ इंडिया कोऑर्डिनेटर बीके संजीव भाई जी कहा कि आईटी प्रोफेशनल को आजकल ज्यादा स्ट्रेस होता है, इसी उदेदश्य से आईटी प्रोफेशनल के लिए ब्रह्माकुमारीज़ ने आईटी विंग कि स्थापना की ताकी  आईटी पर्सन अपनी फैमली, वर्क लाइफ और अपने प्रोफेशन में बैलेंस बना सके। आज ब्रह्माकुमारीज़ का आईटी विंग एलजी इंडिया, इंफोगेन, एयरटेल, टीसीएस, एसेंचर, टेंक महिंद्रा, आईबीएम, जैसी बडीबडी कंपनियों के एम्पाइज़ को ऑफलाइन और ऑनलाइन राजयोग मेडिटेशन के जरिये जीवन जीने की कला सिखा रहा है। हमारे सभी सेशन फ्री कराये जाते हैं। इंफोगेन के चीफ पीपुल ऑफिसर राजीव नैथानी ने कहा राजयोग सीखने से पहले मैं अपने ऑफिस वर्क में तनाव महसूस करता था लेकिन अब ऐसा नहीं है।

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विशेष अत‍िथि‍यों की उपस्‍थि‍त‍ि में

इस मौके पर आईटी विंग की नॉर्थ इंडिया कोऑर्डिनेटर बीके संजीव गुप्ता भाई, दिल्लीएनसीआर की आई.टी. विंग कोऑर्डिनेटर बीके रमा दीदी, मयूर विहार सेंटर की संचालिका बीके सीमा दीदी, इंफोगेन के चीफ पीपल ऑफिसर राजीव नैथानी, ग्लोबल सीआईएसओ एंड सीआईओ ईवैल्यु सर्वे के आशीष खन्ना, सर्वोत्तम स्कूल के पूर्व डायरेक्टर जमील अहमद अर्थोरिटी पार्क योगा एसोसिएशन के फाउंडर अशोक कौशिक समेत अनेक गणमान्य नागरिक और बीके सदस्य नीरज भाई, ग्रेटर नोएडा सेवाकेंद्र संचालिका बीके ललिता दीदी, नोएडा सेक्टर 26 की बीके राधा दीदी, सेक्टर 48 से बीके ऋचा समेत बीके सदस्य भी मौजूद रहे।

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एक नई सोच की प्राप्‍त‍ि‍

इस कार्यक्रम में मौजूद वैल्यू सर्वे के ग्लोबल सीआईएसओ एंड सीआईओ आशीष खन्ना ने कहा कि मैंने भी पॉवर ऑफ मेनीफेस्ट और राजयोग का जीवन में सफल प्रयोग किया। उन्होंने एक उदाहरण के माध्यम से सभी को अपने योग के प्रयोग के बारे में भी बताया। कार्यक्रम में दिल्लीएनसीआर आईटी विंग की कॉर्डिनेटर ब्रह्माकुमारी रमा दीदी ने सभी का कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आभार माना और यह उम्मीद जताई कि इस कार्यक्रम के माध्यम से यहां मौजूद सभी को जीवन में बदलाव लाने की एक नई सोच जरूर मिली होगी। सर्वोत्तम स्कूल के पूर्व डायरेक्टर जमिल अहमद जी ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था दुनिया के लिए एक उपहार है और इस पवित्र संस्था से जुड़कर मैंने बहुत कुछ सीखा है। इस कार्यक्रम का आगाज दीप प्रज्जवलन और अतिथियों को सौगात देकर किया गया तो कार्यक्रम के अंत में सबको ईश्वरीय प्रसाद देकर विदाई दी गई।

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