
Kartik Sharma: क्रिकेट के मैदान पर चमकते सितारे अक्सर संघर्ष की लंबी रातों से निकलकर आते हैं। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के 14 करोड़ रुपये के खिलाड़ी कार्तिक शर्मा की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जहां सपनों को जिंदा रखने के लिए पूरे परिवार ने अपने-अपने हिस्से का त्याग किया।
कार्तिक शर्मा का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। पिता की नियमित आय नहीं थी और घर की जिम्मेदारी दादा (बाबा) की पेंशन से चलती थी। सीमित संसाधनों के बावजूद कार्तिक के क्रिकेट के प्रति जुनून को परिवार ने कभी कमजोर नहीं पड़ने दिया। जब क्रिकेट किट खरीदने के पैसे नहीं थे, तब मां ने अपने गहने बेच दिए। यह फैसला आसान नहीं था, लेकिन मां को बेटे के सपनों पर पूरा भरोसा था।
पिता का सपना किया पूरा (Kartik Sharma)
स्थानीय मैदानों में अभ्यास करते हुए कार्तिक ने कई बार पुरानी किट और घिसे हुए पैड्स के साथ खेला। सुबह स्कूल, शाम को प्रैक्टिस और रात को फिटनेस—यही उनकी दिनचर्या थी। कई टूर्नामेंट्स में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद मौके आसानी से नहीं मिले। चयन में नाम कटता रहा, निराशा भी आई, लेकिन परिवार का हौसला उनके साथ खड़ा रहा।
राज्य स्तर के टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन के बाद कार्तिक की किस्मत ने करवट ली। तेज गेंदबाजी और उपयोगी बल्लेबाजी के दम पर उन्होंने चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा। धीरे-धीरे डोमेस्टिक क्रिकेट में पहचान बनी और फिर IPL ऑक्शन में उनका नाम आया। जब CSK ने 14 करोड़ रुपये में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया, तो यह सिर्फ एक खिलाड़ी की जीत नहीं थी, बल्कि पूरे परिवार के संघर्ष की जीत थी।
आज कार्तिक शर्मा सिर्फ एक महंगे खिलाड़ी नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की किरण हैं जो सीमित साधनों में बड़े सपने देखते हैं। मां के बलिदान, बाबा की पेंशन और खुद की मेहनत ने मिलकर यह साबित कर दिया कि हालात चाहे जैसे हों, अगर इरादे मजबूत हों तो मंजिल जरूर मिलती है।
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