अहमदाबाद: 26 अप्रैल को शुरू हुई इंडियन विमेंस लीग (IWL) की चारों तरफ से आलोचना की जा रही है। लीग के शुरू होने से पहले ही एक बड़ा झटका लगा। इस साल प्रतिदिन दो मैच होंगे जिसमें से एक सुबह साढ़े आठ से शुरू होगी वहीं दूसरी साढ़े चार से। टूर्नामेंट शुरू होने के तुरंत पहले खबर आई सुबह वाले मुकाबले आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर नहीं दिखाए जायेंगे। अगर थोड़े बड़े पैमाने पर देखा जाए तो इससे लीग और बाकी टीम्स के स्पॉन्सर्स को बहुत बड़ा नुकसान होगा।
कुछ खिलाड़ियों ने अपना अनुभव व्यक्त किया कि एक तो उन्हें साल भर खेलने का मौका नहीं मिलता है। और जब मिलता है तो अप्रैल-मई की धूप में मिलता है। उसमें भी आधे मुकाबलों को कोई नहीं देख सकता।
स्क्रॉल डॉट इन में दिए गए इंटरव्यू में एक खिलाड़ी ने बताया की कैसे उन्हें सुबह होने वाले मुकाबले की लिए उन्हें 5 बजे उठकर तैयार होना पड़ता है। उनकी टीम जिस होटल में रुक रही है वहां से स्टेडियम बस से एक घंटे की दूरी पर है। बता दें की IWL के सारे मुकाबले अहमदाबाद में हो रहे हैं। जहां साल के इस समय तापमान 40 से ऊपर का रहता है।
मैच के बीच के अंतराल पर भी काफी सवाल उठाए गए हैं। इंडियन सुपर लीग (ISL) के अधिकतर मैच शाम में होते हैं। और दो मैचों के बीच एक हफ्ते का समय रहता है। वहीं IWL की बात करें तो यहां हर मुकाबले के बीच मात्र दो दिन का विश्राम दिया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि फाइनल और सेमीफाइनल के बीच 24 घंटे का भी समय नहीं है। ऐसे में खिलाड़ियों का शिकायत करना लाज़मी है।
लीग शुरू होने से पहले ही कल्याण चौबे ने कहा था अगले सत्र से महिला लीग पर खास ध्यान दिया जाएगा। यह भी कहा कि इस साल इस टूर्नामेंट को सही से आयोजित नहीं किया गया है।