75th Republic Day: आज पूरा देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को हमारे देश में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी। भारत के इतिहास में इस दिन को स्वर्णिम अक्षरों में इसलिए भिनलिखा गया क्योंकि यह दिन कई मायनों भारत के लिए खास है। तब देश हिंदुस्तान कहलाता था, देश को अपना संविधान मिलने के बाद इसे भारत नाम से पहचान मिली। आज गणतंत्र दिवस के मौके पर हमारे देश और संविधान से जुड़ी हुई कुछ ऐसी बातें बताएंगे जो शायद आपने नहीं सुनी होंगी…
देश को मिला अपना संविधान
आज पूरा देश गणतंत्र दिवस के दिन देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। मगर क्या आप जानते हैं कि भारत देश को उसके नाम से पहचान कैसे मिली। इस तरह से जुड़े और भी कई ऐसी बातें है जो हर भारतीय को पता होनी चाहिए। 26 जनवरी के दिन भारत को अपना लोकतंत्र मिला कर परतंत्रता से पूर्णता आजादी मिली।
भारत है सबसे बड़ा लोकतंत्र
शायद ही आप यह जानते हों कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है, जो प्राचीन सभ्यताओं में से भी एक है।
अंग्रेजों ने पुकारा था भारत को India
हमारे देश भारत को लोग इंडिया के नाम से भी जानते हैं। यह अंग्रेजी नाम इंडस नदी से बना है, जिसके आस पास की घाटी में आरंभिक सभ्यताएं रहा करती थी। इंडस नदी को सिंधु भी कहा जाता था। इसलिए अंग्रेज भारत को इंडियंस कहकर बुलाने लगे। जिसके बाद भारत की विदेशों में इंडिया नाम से पहचान बन गई।
सिंधु और हिंदू का मिलाप था हिंदुस्तान
ईरान से आए आक्रमणकारियों ने सिंधु शब्द का इस्तेमाल हिंदु के रूप में किया था। इसी तरह भारत का नाम ‘हिंदुस्तान’ पड़ा। यह नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है। देश तब हिंदुस्तान नाम से बुलाया जाने लगा जब देश में सिंधु और हिंदुओं का मिलाप हो गया।
18 दिन में तैयार हुआ था संविधान
हमारे संविधान को बनने में लगभग दो साल ग्यारह महीने और 18 दिन लगे थे। 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को मंजूरी दी थी। इसी वजह से इस दिन हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है।
कई देशों से प्रेरित है भारतीय संविधान
भारतीय संविधान अलग-अलग देश के संविधानों से प्रेरित है। हमारे लोकतंत्र की नींव ब्रिटिश सरकार से ली गई थी। जो बाद में अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, सोवियत संघ, आयरलैंड समेत अन्य देशों के संविधान का संयोजन बन गया।
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