Banwarilal Purohit Resigned: CM के साथ तनाव की वजह से पंजाब के राज्यपाल ने दिया इस्तीफा

Banwarilal Purohit resigned: सीएम भगवंत मान संग चल रही तनातनी के बीच पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने आज अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

Banwarilal Purohit Resigned: लम्बे समय से पंजाब के सीएम भगवंत मान संग चल रही तनातनी के बीच पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने आज अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। शनिवार को बनवारी लाल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपते हुए कहा है, “अपने व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं की वजह से वह पंजाब के राज्यपाल और प्रशासन, केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ के पद से अपना इस्तीफा देता हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।”

36वें राज्यपाल थे बनवारी लाल पुरोहित

आपको बता दें कि साल 2021 में बनवारीलाल पुरोहित ने पंजाब के 36वें राज्यपाल के तौर पर शपथ ली थी। यह शपथ उन्होंने इंग्लिश में ग्रहण की थी। उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वहां शपथ ली थी। 2017 से 2021 तक पंजाब से पहले वे असम और तमिलनाडु के राज्यपाल पद पर आसीन रहे थे। इसके साथ ही बनवारी लाल पुरोहित नागपुर से तीन बार संसद सदस्य रह चुके हैं।

पंजाब सीएम ने लगाया था ये आरोप

पंजाब के गवर्नर और सीएम के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव चल रहा था। वहीं दो दिन पहले पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा था कि राज्यपाल हमें तंग कर रहे हैं। लोकतंत्र में इलेक्टेड राज है, लेकिन कुछ लोगों को इसकी आदत पड़ गई है। भगवंत मान ने पहले भी पंजाब के गवर्नर को घेरा था। दोनों के बीच कई मामलों में इतना मतभेद बढ़ा था कि पंजाब के सीएम सुप्रीम कोर्ट तक चले गए।

कौन हैं बनवारी लाल पुरोहित ?

16 अप्रैल 1940 को जन्मे पुरोहित ने राजस्थान के नागपुर में बिशप कॉटन स्कूल से अपनी शिक्षा पूरी ग्रहण की है। वे नागपुर विश्वविद्यालय से वाणिज्य में डिग्री प्राप्त कर चुके हैं। वह सक्रिय राजनीति में बहुत रुचि रखते थे। इसलिए उन्होंने चुनाव में उतरने का निर्णय लिया और महाराष्ट्र के पिछड़े राज्य विदर्भ की निरंतर उपेक्षा के खिलाफ लड़ने लगे। 1978 में नागपुर पूर्व और 1980 में नागपुर दक्षिण से चुनाव जीता। 1982 में, महाराष्ट्र सरकार में शहरी विकास, स्लम सुधार और आवास राज्य मंत्री थे। वह तीन बार नागपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे: 1984, 1989 और 1996 में, सबसे सक्रिय सांसद के रूप में चुने गए।

तमाम खबरों के लिए हमें Facebook पर लाइक करें Twitter , Kooapp और YouTube  पर फॉलो करें। Vidhan News पर विस्तार से पढ़ें ताजा-तरीन खबरे

- Advertisement -

Related articles

Share article

- Advertisement -

Latest articles