Delhi Case: दोस्तों ने नाबालिग लड़के के साथ किया गंदा काम, फिर मां को भेजा वीडियो

Delhi Case: दोस्तों ने चाकू की नोक पर नाबालिग लड़के के साथ इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया। पीडित के दोस्तों ने पहले उससे जूते चटवाये और फिर अप्राकृतिक कृत्य को अंजाम दिया।

Delhi Case: दिल्ली से बाल यौनशोषण का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। इसमें तीन नाबालिग लड़कों ने अपने ही दोस्त को पहले बुरी तरह से पीटा, जूते चटवाए और जब इससे भी मन न भरा तो उन तीनों ने मिलकर उसके साथ यौन शोषण की घटना को अंजाम दिया। साथ ही इस पूरी घटना का वीडियो बनाकर लड़को ने पहले पीडित लड़के की मां को भेजा और फिर सोशल मीडिया पर इसे शेयर कर दिया।

चाकू की नोक पर दोस्तों ने चटवाये जूते

इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस मामले की पड़ताल में जुट गयी है। सोमवार को पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा है कि आरोपित छात्रों ने घटना का वीडियो पीडित की मां को भेजा, जिसके बाद पीडित की मां ने स्थानीय पुलिस से संपर्क किया। इसके साथ पुलिस ने बताया कि यह वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा किया गया है। इस वीडियों में साफ देखा जा सकता है कि चाकू की नोक पर इस पूरी घटना को अंजाम दिया गया। पीडित के साथी दोस्तों ने पहले उससे जूते चटवाये और फिर अप्राकृतिक कृत्य को अंजाम दिया।

गंदे काम का वीडियो मां को भेजा

रविवार रात को लड़के की मां ने पीसीआर को फोन किया, जिसके बाद स्थानीय पुलिस पीड़ित लड़के के घर पहुंची। लड़के की मां ने बताया कि, वीडियो भेजा गया है और उनके बेटे के साथ अप्राकृतिक काम किया गया है। लड़के को पुलिस ने काउंसलिंग और मेडिकल जांच के लिए ले गई। पीड़ित ने बताया कि शनिवार शाम 6.30 बजे हौज खास के सेंट्रल पार्क से खेलकर लौटते समय उसे उसके तीन और दोस्त (12 से 14 वर्ष) सुनसान स्थान पर ले गए। एक ने उस पर सब्जी काटने वाला चाकू रखकर उसके साथ गैरकानूनी व्यवहार किया।

आरोपियों पर लगा पॉक्सो एक्ट

तीनों ने भी इसका वीडियो बनाया। वही आरोपितों ने उसे धमकाया कि अगर वह इस घटना को किसी को बताएगा तो उसका बुरा अंजाम होगा। डर से उसने अपने माता-पिता को यह बात नहीं बताई। लड़के की शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 377 और 506 के अलावा पॉक्सो एक्ट भी लगाया है। तीनों आरोपित गिरफ्तार कर लिए गए हैं और पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

क्या होता है पॉक्सो एक्ट ?

पॉक्सो एक्ट यानी कानून बाल सुरक्षा कानून से संबंधित है। इसे साल 2012 में लागू किया गया था। ये बच्चों का यौन शोषण अपराध साबित करता है। इसके साथ ही यह कानून 18 साल से छोटे लड़के और लड़कियों पर समान रूप से लागू होता है। पॉक्सो कानून बच्चों को यौन उत्पीड़न और अश्लीलता जैसे जघन्य अपराधों से बचाने के लिए लागू किया गया था।

पॉक्सो एक्ट की सजा

इस कानून के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र का व्यक्ति बच्चा होता है। ऐसे में उनसे जुड़े अपराधों को कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान है। साल 2019 में इस कानून में मौत की सजा को भी शामिल किया गया। हालांकि पहले मौत की सजा नहीं थी। दोषी को पॉक्सो कानून के तहत उम्रकैद की सजा मिलती है और पूरी जिंदगी जेल में बितानी पड़ती है। यानी अपराध करने वाले व्यक्ति को जिंदा रहते हुए जेल से बाहर नहीं निकाला जा सकता। इतना ही नहीं दोषी को भारी जुर्माना भी भुगतान करना होगा।

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