Eid-Ul-Fitr : कितने इंतजार के बाद खिला आसमान में सबका चहेता ईद का चांद

Eid-Ul-Fitr : ईद-उल-फितर (Eid-Ul-Fitr 2023) रमजान महीने के अंतिम दिन चांद का दीदार करने के बाद मनाया जाता है। जिस दिन चांद के दर्शन होते हैं उसके ठीक अगले दिन यानी शव्वाल महीने के पहले दिन ईद मनाई जाती है। भारत में ईद 22 अप्रैल को मनाई जाएगी।

Eid-Ul-Fitr : जैसे ही आसमान में चमका ईद (Eid-Ul-Fitr)  का चांद सबके चेहरे खिल गए। रोजेदारों को तो जैसे मन की मुराद मिल गयी। सबने अपने तरीके से चांद की तारीफ में कसीदे पढ़ने शुरू कर दिया। इसी क्रम में टिवटर पर रेडियो मिर्ची की जानी मानी रेडियो जॉकी सायमा ने लिखा- आसमान में ईद का चांद कुछ और चमकता है। मानो झुक कर नमस्ते करता हो और जैसे यहां से करोड़ों सलाम पहुंचते हों। सेवईं के साथ छोले बनेंगे कवाब के साथ दही भल्ले। इत्र के साथ फूल सजेंगे ईदी के साथ आशिर्वाद मिलेंगे। पूरी दुनिया में ऐसी ईद कहीं और कहां

पवित्र माह के अंत का प्रतीक

बता दें कि इस्लामिक चंद्र कैलेंडर में दसवां माह शव्वल का होता है और 10वें माह के पहले दिन दुनिया भर में ईद का त्योहार मनाया जाता है। मुस्लिम त्योहार ईद रमजान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है। यह इस्लामी संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे जो कल मनाया जाएगा उसे बकरीद ईद (Eid-Ul-Fitr) भी कहते हैं।

पैगंबर मुहम्मद ने सन् 624 ईस्वी में जंग-ए-बदर के बाद हुई थी। पैगंबर हजरत मोहम्मद ने बद्र के युद्ध में जीत हासिल की। इसकी खुशी में ईद के दिन मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा होने लगी। इसके बाद से दान या जकात दिया जाने लगा।

जकात का फर्ज करते हैं अदा

ईद उल फितर के दिन सभी लोग ईदगाह जाते हैं और यहां नमाज अदा की जाती है, जिसे सलात अल फज्र कहा जाता है। इसके बाद ईद की बधाइयां दी जाती हैं। नमाज अदा करने के बाद जकात अल फित्र को अनिवार्य बताया गया है। जकात यानी दान देना हर मुसलमान का फर्ज है।

मुस्लिम समुदाय के लोग साल भर में अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा बचाते हैं और ईद पर उसे गरीबों व जरूरतमंदों को दान में दे देते हैं। ईद (Eid-Ul-Fitr) के मौके पर खास दावत तैयार की जाती है, जिसमें मीठा खाना शामिल होता है।

बकरीद ईद का इतिहास (History of Bakrid Eid)

हजरत इब्राहिम को अल्लाह का बंदा माना जाता हैं, जिनकी इबादत पैगम्बर के तौर पर की जाती है। कहा जाता है कि एक बार खुदा ने हजरत मुहम्मद साहब का इम्तिहान लेने के लिए आदेश दिया कि हजरत अपनी सबसे अजीज की कुर्बानी देंगे, तभी वे खुश होंगे। हजरत मुहम्मद साहब का सबसे खास बेटा था।

वे बेटे की कुर्बानी देने के लिए तैयार हो गए। जब कुर्बानी का समय आया तो हजरत इब्राहिम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली और अपने बेटे की कुर्बानी दी, लेकिन जब आंखों पर से पट्टी हटाई तो बेटा सुरक्षित था। महत्‍वपूर्ण बात यह है कि इब्राहीम के अजीज बकरे की कुर्बानी अल्लाह ने कुबूल की। अल्लाह ने खुस होकर बच्चे की जान बक्श दी। तब से बकरीद (Eid-Ul-Fitr) की पंरपरा शुरु हो गई।

क्यों मनाई जाती है बकरी ईद (Why is Bakri Eid celebrated)

रजमान के पाक महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह एक दिन अपने बंदों को बख्शीश और इनाम देता है। इसीलिए इस दिन को ईद कहते हैं। बख्शीश और इनाम के इस दिन को ईद-उल-फितर भी कहा जाता है।

चांंद देखने की दुआ ऐसे मांगी जाती है

Eid ka chand dekhne ki dua in hindi text

Eid ka chand dekhne ki dua in hindi text ये है:- “अल्लाहुम्मा अहिल लहू अलैना बिल अमनि वल इमानि वस सलामति वल इस्लामि वत तौफीकि लिमा तुहिब्बु व तरज़ा रब्बी व रब्बुकल लाह”

Eid ka chand dekhne ki dua in hindi meaning

(तर्जुमा) ये है:- “ए अल्लाह ! हम पर इस चांद को अम्नो ईमान, सलामती और इस्लाम और उस चीज़ की तौफ़ीक़ के साथ तुलु फरमा जो आप पसंद करते हैं और जिसमें आपकी रिज़ा (रज़ा) है (ए चांद!) मेरा और तेरा रब अल्लाह है”

Eid ka chand dekhne ki dua in english text

Eid ka chand dekhne ki dua in english text ये है:- “Allahumma Ahil Lahu Alaina Bil Amni Wal Imani Was Salamati Wal Islami Wat Taufiqi Lima Tuhibbu Wa Tarza Rabbi Wa Rabbukal Lah”

 

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी Aaj Ka Rashifal, 22 April 2023 ज्योतिष पर आधारित है। यहां केवल सूचना के लिए दी जा रही है। Vidhan News इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।)

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