First Marriage On The Earth: प्रारंभिक मानव सभ्यता में विवाह का मुख्य उद्देश्य था वंश को बढ़ाना और सामाजिक व्यवस्था को बढ़ाकर रखना। पुराणों में इस बात का जिक्र किया गया है की सबसे पहले धरती पर मनु और शतरूपा ने विवाह किया था और इसके बाद ही विवाह की प्रथम धरती पर शुरू हुई थी।
कौन था दुनिया का पहला दंपति ( First Marriage On The Earth )
पुराणों के अनुसार मनु और शतरूपा ही धरती पर पहले दंपति थे जिनकी संतान ने आज इंसान के रूप में पूरे दुनिया में है। पुराणों के अनुसार इन दोनों की उत्पत्ति ब्रह्मा जी के द्वारा हुई थी।
इनसे हुआ पारिवारिक संरचना का जन्म
समाज की शुरुआती चरणों में विवाह में प्रारंभिक इकाई को मजबूती प्रदान किया। एक ऐसी परिवारिक इकाई बनाई गई जहां बच्चे सुरक्षित माहौल में बड़े हो पाए।
क्या था विवाह का धार्मिक महत्व
विवाह का धार्मिक आधार प्राचीन काल में शुरू किया गया था और विभिन्न सभ्यताओं में इसे देवताओं के आशीर्वाद से जोड़कर पवित्र माना गया था। प्राचीन समय में विवाह के लिए किसी धार्मिक या कानूनिक विधि की जरूरत नहीं थी इसे केवल एक सामाजिक समझौता कहा जाता था।
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भारत में विवाह की परंपरा
भारत में वैदिक काल से विवाह के परंपरा का चालान हुआ और उसे समय सात फेरों और वैदिक मित्रों से विवाह संपन्न होता था। प्राचीन मिश्रा यूनान और चीन जैसी सभ्यताओं में भी विवाह के लिए अलग-अलग रूप और रीति रिवाज प्रचलित थे।
मध्यकालीन युग में विवाह का महत्व बढ़ गया क्योंकि यह व्यक्तिगत संबंध के साथ साथ राजनीतिक और आर्थिक गठबंधन का माध्यम बन गया। पहले पारिवारिक दबाव में आकर बच्चे विवाह करते थे लेकिन धीरे-धीरे प्रेम विवाह का चलन भी बढ़ गया है। आज विवाह सिर्फ परंपरा नहीं है बल्कि व्यक्तिगत पसंद और साझेदारी का प्रतीक भी बन गया है।
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