Health Check-up Tips: 30 की उम्र के बाद बीमारियों से बचे रहने के लिए करवाते रहें ये जरूरी टेस्ट

Health Check-up Tips: 30 की उम्र के बाद आपके शरीर के चेकअप के लिए कौन-कौन से टेस्ट जरूरी है, आइए जानते है, इस खबर में

Health Check-up Tips: सेहतमंद कौन नहीं रहना चाहता। हर इंसान चाहता है कि उसको किसी तरह की बीमारी ना लगे और इसके लिए जरूरी है कि हर कोई स्वस्थ आहार और व्यायाम फॉलो करें। पर आपको इसके लिए समय-समय पर हेल्थ चेक-अप भी करवाना चाहिए। उम्र बढ़ने के साथ शरीर का ज्यादा ध्यान रखना बेहद जरूरी है इसलिए 30 की उम्र के बाद आपको कुछ टेस्ट जरूर करवाने चाहिए जिससे कि अगर कोई बीमारी शरीर में बन रही है तो वो समय रहते ठीक हो जाए।

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Health Check-up Tips: इन टेस्ट को करवाएं

Health Check-up Tips: ब्लड शुगर टेस्ट

30 की आयु के बाद ब्लड शुगर टेस्ट करवाना बेहद जरुरी है। फास्टिंग शुगर, खाने के दो घंटे बाद का शुगर और HbA1C टेस्ट जो पिछले 3 महीने का शुगर लेवल जांच पाए, ये सभी टेस्ट नियमित रूप से जरूर करवाएं।

Health Check-up Tips: ब्लड प्रेशर

ब्लड प्रेशर का बढ़ना बेहद आम हो गया तेजी से बढ़ता है और यह बिना किसी दिक्कत के बेहद ही खतरनाक हो सकता है। हार्ट अटैक, पैरालिसिस, किडनी डैमेज, जैसी कई गंभीर समस्याओं का जनक होता है, इसलिए ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जरूर चेक करवाएं। आप चाहें तो घर में भी ब्लड प्रेशर नापने की डिजिटल मशीन को रख सकते हैं। या फिर डॉक्टर से नियमित रूप से ब्लड प्रेशर चेक करवाते रहें।

लिपिड प्रोफाइल

आपके दिल का सही हाल बताने वाला यह टेस्ट आपके शरीर में HDL, LDL, ट्राइग्लीसेराइड के स्तर का पता लगाता है और स्वस्थ हृदय का संकेत देता है। रिपोर्ट नॉर्मल आती है तब भी हर स्वस्थ इंसान को दो साल में एक बार ये टेस्ट करवा लेना चाहिए।

थायराइड फंक्शन टेस्ट

यह थायराइड के अपर्याप्त रूप से सक्रिय (अंडरएक्टिव) या अति सक्रिय (ओवरएक्टिव) थायराइड की जांच करता है, जिसे हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायराइडिज्म कहते हैं। थायराइड की मात्रा में गड़बड़ी से वजन पर असर, व्यवहार में बदलाव, पीरियड्स में बदलाव और कमजोरी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।

लिवर फंक्शन टेस्ट(LFT) और किडनी फंक्शन टेस्ट(KFT)

LFT भी शरीर का एक बेहद खास टेस्ट है, इसको करवाने से फैटी लिवर,  जॉन्डिस, सिरोसिस, आदि बीमारियों से बचा जा सकता है। शराब का सेवन करने के लिए यह टेस्ट बेहद जरूरी है।

KFT करने से ब्लड में क्रिएटिनिन की मात्रा का पता चलता है जिससे एक्यूट रीनल फेल्योर, क्रॉनिक किडनी डिजीज और ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस जैसी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।

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