
International Chess Day: सबसे पसंदीदा खेलों में से एक शतरंज का नाम भी टॉप लिस्ट में होता है। इस गेम के दीवाने दुनिया में नही ब्लकि पूर भारत में आपको हर जगह मिल जाएंगे। शतरंज के खेल में रानी को बचाने के लिए कोन्सेन्ट्रेशन के साथ फोकस और सोची-समझी रणनीति के चलते ही हो सकता हैं।
शतरंज के खेल में यह सीखना शामिल है कि हम जो एक चाल चलते हैं, वह आगे चलने वाली चालों को कैसे प्रभावित कर देती है ये जानना भी जरूरी होता है शतरंज एक फेमस बोर्ड गेम है जिसे दुनिया भर में लाखों खेलने वाले हैं।
International Chess Day: शतरंज का इतिहास
भारत में 6वीं शताब्दी में जब गुप्त वंश हुआ करता था तब शतरंज के गेम का जन्म हुआ था। 1500 से अधिक वर्षों के इस समय के बाद भी आप इस गेम को 172 देशों में इस खेल को महत्व दिया जाने लगा है। शतरंज विश्व संस्कृति में भारत के योगदानों में से एक है, राजाओं के दरबार में खेले जाने वाले खेल से लेकर गांवों में खेले जाने वाले खेल होता था लेकिन समय के साथ यह खेल अब बड़े लेवल पर खेला जाने लगा है आज इस गेम के बड़े-बड़े आयोजन विश्व स्तरीय होते हैं।
International Chess Day: अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस कब से मनाया जाने लगा?
अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस की घोषणा 1996 में यूनेस्को द्वारा अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ की स्थापना के उपलक्ष्य में की गई थी, जिसे आमतौर पर इसके फ्रांसीसी संक्षिप्त नाम FIDE के रूप में जाना जाता है। FIDE की स्थापना पेरिस, फ्रांस में हुई थी और वर्तमान में इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड में है। FIDE एक अंतरराष्ट्रीय निकाय है जो विभिन्न अंतरराष्ट्रीय शतरंज संघों को जोड़ने के लिए जिम्मेदार है और अंतरराष्ट्रीय शतरंज प्रतियोगिताओं के लिए शासी निकाय के रूप में कार्य करता है। FIDE को 1999 में अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यता दी गई थी।
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